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असम में जुम्मा ब्रेक पर एनडीए में फूट, जेडीयू के बाद एलजेपी ने भी किया विरोध

नई दिल्ली। असम सरकार के जुम्मे की नमाज के लिए ब्रेक देने पर रोक लगाने के फैसले से एनडीए में फूट पड़ गई है। बीते दिन जेडीयू ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये लोगों के अधिकार छीनने का काम किया जा रहा है। इस बीच अब चिराग पासवान की पार्टी ने इस फैसले का विरोध किया है।
जेडीयू के बाद अब एलजेपी (रामविलास) पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष राजू तिवारी ने असम सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने असम की सरमा सरकार को सुझाव दिया कि धार्मिक प्रथाओं की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए। बिहार के दोनों सहयोगियों ने हाल ही में कोटा प्रावधानों का पालन किए बिना केंद्र के लेटरल एंट्री सिस्टम पर सवाल उठाया था जिसके बाद सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया था।
दरअसल, केंद्र सरकार ने देश में कुछ महत्वपूर्ण पदों पर गैर आईएएस लोगों को बैठने के लिए सीधी भर्ती की कोशिश की थी।
दूसरी ओर जेडीयू नेता नीरज कुमार ने असम में जुम्मा की नमाज के लिए दो घंटे के ब्रेक की प्रथा पर रोक लगाने के सरमा सरकार के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सीएम सरमा को धार्मिक प्रथाओं की जगह गरीबी उन्मूलन और बाढ़ की रोकथाम जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। असम के सीएम सरमा द्वारा किया गया फैसला देश के संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
बता दें कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में दो घंटे के ब्रेक को बंद करने का फैसला किया है। सरमा ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह हिंदू और मुस्लिम विधायकों के बीच आम सहमति से लिया गया था, क्योंकि हमें इस अवधि के दौरान भी काम करना चाहिए।

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