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अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने वाली सुनीता विलियम्स की वापसी पर आई बड़ी खबर

भारतवंशी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स अपने साथी अंतरिक्षयात्री बुच विल्मोर के साथ छह महीने से अंतरिक्ष में फंसी हैं। दोनों को अंतरिक्ष में गए हुए गुरुवार को छह महीने हो गए। धरती पर लौटने में अभी दो महीने और बाकी है।

बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल से दोनों पांच जून को अंतरिक्ष में गए थे। उन्हें एक सप्ताह में वापस लौटना था, लेकिन स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में खराबी आने के कारण दोनों अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर ही फंसे हुए हैं।

सुनीता और विल्मोर की वापसी का अभियान
नासा ने अंतरिक्ष यान को वापसी की उड़ान के लिए बहुत जोखिम भरा माना, इसलिए उन्हें धरती पर वापस आने के लिए फरवरी तक इंतजार करना पड़ेगा। सुनीता और विल्मोर की वापसी के लिए नासा ने अपना अभियान शुरू कर दिया है।

दोनों अंतरिक्ष यात्रियों सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी के लिए 28 सितंबर 2024 को स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन को लॉन्च किया गया। इसमें दो एस्ट्रोनॉट्स को भेजा गया है, ताकि लौटते समय वह सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस ला सकें।

बात दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून 2024 को अंतरिक्ष की कक्ष में पहुंचे। इसके साथ ही सुनीता विलियम्स बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल को उड़ाने वाली पहली व्यक्ति बनकर अपने नाम एक रिकॉर्ड दर्ज कर लिया।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर दोनों अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं, जो पहले भी स्टेशन पर रह चुके हैं। दोनों ने पहले भी वैज्ञानिक प्रयोगों में सहायता की। सुनीता विलियम्स ने सितंबर में स्टेशन कमांडर के रूप में पदभार संभाला था।

नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (IIS) से दीपावली की शुभकामनाएं दी। सुनीता विलियम्स ने संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया भर में साझा किए गए वीडियो संदेश के माध्यम से दीपावली की शुभकामनाएं दीं।

व्हाइट हाउस ने दिवाली समारोह में नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स का एक वीडियो संदेश साझा किया। जिसमें सुनीता विलियम्स ने कहा कि आईएसएस से शुभकामनाएं। मैं व्हाइट हाउस और दुनिया भर में आज दीवाली मना रहे सभी लोगों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं देना चाहती हूं। इस साल मुझे आईएसएस पर पृथ्वी से 260 मील ऊपर से दीवाली मनाने का अनूठा अवसर मिला है।

उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने हमें दिवाली और अन्य भारतीय त्योहारों के बारे में सिखाकर अपनी सांस्कृतिक जड़ों को बनाए रखा। दीवाली खुशी का पर्व है, क्योंकि दुनिया में अच्छाई कायम है। आज हमारे समुदाय के साथ दिवाली मनाने और हमारे समुदाय के कई योगदानों को पहचानने के लिए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को धन्यवाद।

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