बिजनेस करने वाली महिलाओं के लिए खुशखबरी, मोहन सरकार ला सकते हैं ये ड्रीम प्रोजेक्ट
भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश में निवेश बढ़ाने और रोजगार सृजन के लिए प्रयासरत है। केंद्र सरकार भी उद्यमियों खासकर महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। लेकिन, कुछ अड़चनों और प्रगतिवादी सोच न होने की वजह से योजनाएं और महिला उद्यमियों के सपने परवान नहीं चढ़ पाते।
साथ ही महिला उद्यमियों को अपनी पहचान बनाने में भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। मध्यप्रदेश वुमन एसोसिएशन ऑफ वुमन एंटरप्रेन्योर यानी मावे की चेयरपर्सन अर्चना भटनागर ने मीडिया से खास बातचीत में महिला उद्यमियों की समस्याएं बताईं।
मावे की चेयरपर्सन ने साझा की कुछ खास बातें
महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक है कि एक बहु-स्तरीय फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स की स्थापना की जाए। यह कॉम्प्लेक्स शहरी क्षेत्रों में होना चाहिए, जिससे महिला उद्यमियों को अपने व्यवसाय के लिए दूर नहीं जाना पड़े। इसमें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए, जैसे कच्चे माल की आपूर्ति से लेकर व्यवसाय की शुरुआत तक। यह कॉम्प्लेक्स महिला बाजार के लिए एक अलग पहचान के साथ विकसित किया जाना चाहिए, ताकि यह उनकी आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से पूरा कर सके।
भोपाल में इस प्रकार के कॉम्प्लेक्स के निर्माण पर काम चल रहा है या नहीं, इस पर हमारी सरकार से मांग की गई है। जबलपुर में इस संबंध में एक प्रोजेक्ट फाइल प्रस्तुत की गई है, और अब हम इसके कार्यान्वयन का इंतजार कर रहे हैं। यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, और सरकार की भी इस दिशा में सकारात्मक सोच है। हालांकि, फाइल को अंतिम स्वीकृति के लिए भेजने में कुछ बाधाएं आती रहती हैं। हमारी मांग है कि इस परियोजना के लिए भूमि आवंटित की जाए, ताकि महिला उद्यमियों के लिए व्यवसाय करना सरल हो सके।
वर्तमान में महिलाएं अपने कार्य को घर से संचालित कर रही हैं, लेकिन यह स्थिति स्थायी नहीं है। अधिकांश महिला उद्यमी अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर में कार्यरत हैं, जिससे उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस दिशा में एक मजबूत ढांचे की आवश्यकता है, ताकि उन्हें बेहतर सुविधाएं मिल सकें। इसके साथ ही, सरकार को महिला उद्यमियों के लिए खरीद नीति को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। हाल ही में, महिला उद्यमियों से 3 प्रतिशत सामान खरीदने का नियम लागू किया गया है, लेकिन इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है।
समाज और सरकार की दृष्टि महिला उद्यमियों के प्रति सकारात्मक नहीं है। अक्सर उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाता और न ही घर, परिवार, या समाज से अपेक्षित सहयोग मिलता है। इस सोच में बदलाव लाना आवश्यक है, ताकि समानता का अधिकार सुनिश्चित किया जा सके। हमारी कोशिश है कि इस दिशा में जागरूकता बढ़े और महिला उद्यमियों को उनके हक और अवसर मिल सकें।