छत्तीसगढ़राज्य

दवा खाने के बाद चलकर सुईआरा जंगल पहुंचा चोटिल हाथी

कोरबा  कोरबा जिले के करतला वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पिडिया क्षेत्र में पैरों में आयी चोट व मोच के कारण चलने में असमर्थ हुए हाथी का वन विभाग के द्वारा ईलाज कराने तथा गुड़ के साथ दवा खिलाने के बाद अब उसकी स्थिति में सुधार हो रहा है।
        बताया जा रहा हैं की हाथी चलकर सुईआरा जंगल पहुंच गया है। वन विभाग द्वारा उसकी लगातार निगरानी की जा रही है। रात भर वन अमला उसकी निगरानी करता रहा। इस दौरान हाथी चलकर पिडिया क्षेत्र से सुईआरा व बड़मार पहुंचने के बाद फिर वापस सुईआरा जंगल पहुंच गया। इस हाथी के नाला में गिरकर चोटिल होने की खबर मिलते ही वन विभाग में हडक़ंप मच गया था। संबंधित अधिकारी व कर्मचारी आनन-फानन में मौके पर पहुंचे और हाथी की स्थिति जानकारी लेने के साथ उपचार की व्यवस्था कराई। हाथी को पशु चिकित्सो की सलाह पर अपरान्ह 3 बजे गुड़ के साथ दवा खिलाई गयी। दवा खाने के लगभग 1 घंटे बाद इसका असर हुआ और हाथी चलने लगा। चलते-चलते पहले बड़मार फिर सुईआरा के जंगल पहुंच गया। अधिकारियों के निर्देश पर वनअमला इसकी रात भर निगरानी करते रहे।
        हाथी को पिडिया क्षेत्र में नाले के पास लंगड़ाता देख लोग बड़ी संख्या में वहां पहुंच गए थे और भीड़ भी लग गई, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस के साथ वनविभाग के जवानों को तैनात किया गया। इस बीच 49 हाथियों का दल ग्राम बोतली पहुंच गया है। इस दल ने उत्पात मचाते हुए फसल को रौंद दिया जबकि पेट्रोल पंप के पास सुभाष नामक एक ग्रामीण के बाड़ी में घुस कर वहां लगे सब्जी व अन्य पौधों को तहस-नहस कर दिया। ग्राम बोतली में हाथियों द्वारा उत्पात मचाये जाने की सूचना पर वन अमला मौके पर पहुंच कर नुकसानी के आंकलन में जुट गया।
        कोरबा वन मंडल के कुदमुरा रेंज में एक बार फिर 12 हाथियों का दल पहुंच गया है। हाथियों के इस दल को सुबह वन परिसर के जंगल में विचरण करते हुए देखा गया। यह दल एक दिन पहले भी धरमजयगढ़ का रूख किया था। वहां लगभग 24 घंटे रहने के बाद फिर कुदमुरा लौट आया। जिससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। उधर कटघोरा वन मंडल में भी हाथियों का उत्पात नहीं थम रहा है। यहां के पसान रेंज के सेम्हरा सर्किल में बड़ी संख्या में हाथी विचरण कर रहे हैं, जिन्होने गत रात्रि हरदेवा एवं चिकनी नामक ग्राम में पहुंचकर जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान हाथियों ने ग्रामीणों के खलिहान में रखे धान की खरही तथा अरहर की फसल को चट कर दिया। इतना ही नहीं हरदेवा में मानकुंवर पति राय सिंह नामक महिला के घर का दरवाजा तोड वहां रखे चावल को चट कर कुछ घरेलु सामानों को भी नुकसान पहुंचाया।

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