72 वर्षीय महिला को मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर किया डिजीटल अरेस्ट, ठगे 44 लाख
भोपाल। राजधानी भोपाल के श्यामला हिल्स इलाके में साइबर ठगोरो ने बेहद शातिराना तरीके से 72 वर्षीय महिला को नरेन खट्टर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फसांने का डर दिखाकर न केवल उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया बल्कि उन्हें वर्चुअल कोर्ट में भी पेश किया गया। इसके बाद फर्जी जज ने महिला को मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। इस सजा से बचाने के नाम पर ठगो ने महिला से 10 दिनों में 44 लाख रुपये ऐंठ लिए। जानकारी के अनुसार श्यामला हिल्स में पूर्व सीएम कमलनाथ के सरकारी आवास के सामने रहने वाली नरेन खट्टर के पास अनजान नंबर से फोन आया था। जालसाज ने खुद को सरकारी अधिकारी बताते हुए कहा उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर आरोप है। उसके झांसे में आकर वृद्वा बुरी तरह डर गई और जैसा वह कहते गए महिला वैसा ही करती रही। इसके बाद जालसाजो ने उन्हें एक वर्चुअल कोर्ट में पेश किया वहॉ फर्जी जज ने उन्हें दोषी ठहराते हुए जेल जाने की सजा सुनाई। सारी कार्यवाही असल जैसी लगने से महिला नरेन खट्टर और डर गई। उनका डर देख ठगों ने सजा से बचाने उनसे सेटलमेंट करने की बात कही। महिला ने उनकी बात मान ली इसके बाद जालसाजो ने 44 लाख की रकम ऐंठ ली। ठगों के डर के कारण पीड़ित महिला ने उस समय घटना की जानकारी अपने परिवार वालो को भी नहीं दी थी। बाद में घटना का खुलासा होने पर परिवार वालो ने पुलिस से संपर्क कर लिखित शिकायत की। साइबर क्राइम पुलिस ने जांच के बाद 5 दिसंबर को एफआईआर दर्ज की है।
-सायबर सेल की एडवायजरी, सायबर ठगो से बचने के लिये हमेशा यह करें:-
अपने ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें।
दो-कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करें, जो आपके अकाउंट्स की सुरक्षा को बढ़ाता है।
अपने कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस पर वायरस स्कैनर सॉफ्टवेयर का उपयोग करें।
केवल सुरक्षित वेबसाइट्स पर जाएं, जिनके यूआरएल में एचटीटीपीएस होता है।
सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और अज्ञात लोगों से दोस्ती न करें।
अपने बैंक अकाउंट्स, क्रेडिट कार्ड अकाउंट्स, और अन्य ऑनलाइन अकाउंट्स की नियमित रूप से जांच करें।
यदि आपको लगता है कि आपके साथ साइबर अपराध हुआ है, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल को रिपोर्ट करें।
ऐसा बिल्कुल न करें:-
अज्ञात लिंक्स पर क्लिक न करें, क्योंकि वे मैलवेयर या फ़िशिंग हमलों का कारण बन सकते हैं।
ऑनलाइन अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें, जैसे कि आपका पता, फोन नंबर, या बैंक खाता विवरण।
अज्ञात ईमेल्स का जवाब न दें, क्योंकि वे फ़िशिंग हमलों का कारण बन सकते हैं।
अज्ञात सॉफ्टवेयर न डाउनलोड करें, क्योंकि वे मैलवेयर या वायरस का कारण बन सकते हैं।
सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क्स का उपयोग न करें, क्योंकि वे असुरक्षित हो सकते हैं।