मध्यप्रदेशराज्य

एमपी के 13 हजार अस्पतालों में 40 फीसदी डाक्टरों का टोटा

भोपाल: एमपी में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर सरकार लगातार बजट तो बढ़ा रही है, वहीं सभी 52 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की बात कर रही है, लेकिन प्रदेश के 13 हजार सरकारी अस्पतालों में 4 हजार से अधिक डाक्टर ही नहीं हैं, जिसके कारण मरीजों को सही और समय पर इलाज भी नहीं मिल पा रहा। उधर, हर साल सरकारी अस्पतालों में मरीज घट रहे हैं, जबकि निजी अस्पतालों में इनकी संख्या बढ़ रही है। 

स्वास्थ्य का बजट 13 हजार करोड़ पहुंचा, लेकिन घट रहे मरीज 

मप्र में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की अपेक्षा निजी अस्पतालों में महंगी स्वास्थ्य व्यवस्था से गरीब मरीज परेशान है। इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में लूठ मची हुई है, तो दूसरी तरफ सरकार अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार घट रही है। सरकारी आंकड़ों की मानें, तो सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में हर साल 5 से 10 फीसदी कमी होती जा रही है। प्रदेश के सरकारी बडेÞ अस्पतालों में लगातार डाक्टरों, विशेषज्ञ चिकित्सों की संख्या में कमी आ रही है। वर्तमान में डाक्टरों के 10 हजार 245 पद मंजूर हैं और अस्पतालों में करीब 6 हजार ही विभिन्न पैथी के डाक्टर पदस्थ हैं। पूरे प्रदेश में चर्म रोग विशेषज्ञ का मात्र एक डाक्टर का पद स्वीकृत है और वह भी खाली पड़ा हुआ है। सभी वर्ग के 13 हजार 10 अस्पतालों में 4 हजार 379 डाक्टरों की कमी है। यह मामला विधानसभा में भी उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने भी उठाया है। 

एमपी में डाक्टरों की स्थिति
 
विशेषज्ञ  – स्वीकृत पद-  कार्यरत  – खाली पद 
निश्चेतना    –  467    –  144    –  323 
नाक,कान, गला- 96    –    83     –   13 
मेडिसन विशे. –   724  –  157   –  567 
स्त्री रोग विशे.  –  708   –  318  –  390 
नेत्र रोग विशे.  –  155   –  120   –  35 
अस्थि रोग     –  241   – 150   –  91 
शिशु रोग विशे.  – 624   –  309  – 315 
पेयोलॉजिस्ट    –  147   –    76   –  71 
रेडियोलॉजिस्ट  – 109   –    23   –  86 
शल्य क्रिया      –  730  –  180 –  550 
क्षय रोग विशे.  –    61    –   21  –  40 
दंत रोग विशेषज्ञ-   88    –   23   –  65 
मानसिक रोग     –  04    –   00   – 04 
चिकित्सा अधि. – 5439 –  4015-1424 
दंत शल्य चिकि. – 639   –   247  – 392 

स्त्रोत: विधानसभा में पेश रिपोर्ट में 

बजट पर एक नजर 
वर्ष- प्रावधान  – खर्च राशि 
2019-20- 7,612  – 5,498 
2020-21 -7,516  – 7,175 
2021-22- 10,627- 9,677 
2022-23 -11,500- 10,400 
2023-24- 13,270 -11,859 
राशि करोड़ रुपए में 

प्रदेश सरकारी अस्पतालों की स्थिति 

जिला अस्पताल 52, सिविल अस्पताल 161, 6 बिस्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 1442, 30 बिस्तरीय सामुदायिक केंद्र 348, उप स्वास्थ्य केंद्र 10, 256, पॉली क्लीनिक पांच, शहरी स्वास्थ्य डिस्पेंशरी 373, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 141, संजीवनी पॉली क्लीनिक 229, शहरी सामुदायिक केंद्र तीन आदि शामिल हैं। इनमें विशेषज्ञ डाक्टरों के 10 हजार 245 पद स्वीकृत हैं और इनमें से 4,379 पद खाली हैं। उधर, इस मामले में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल से बात करनी चाही, लेकिन उनका फोन बंद मिला।

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