छत्तीसगढ़राज्य

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेस-वे का रूका काम अब पुलिस सुरक्षा में होगा

रायपुर
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेस-वे के पहले फेस का काम ग्राम नायकबांधा के किसानों ने चार माह से रुकवा रखा है। किसानों का कहना है कि जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता, काम शुरू करने नहीं देंगे। मगर, अब यह काम पुलिस सुरक्षा में किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जब ठेकेदार काम करने जाते हैं, तो ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर पहुंच जाते हैं। दरअसल, 559 मीटर जमीन के मुआवजे का प्रकरण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने रोक दिया है। इसलिए किसान आक्रोशित हैं।

रुका हुआ काम शुरू कराने के लिए एनएचएआई ने अभनपुर एसडीएम को पुलिस बल उपलब्ध कराने का आवेदन किया है। वहीं, 559 मीटर जमीन के मुआवजे का प्रकरण एनएचएआई के अफसरों ने सीधे संभागीय कमिश्नर के कोर्ट में प्रस्तुत किया है।
नियम है कि भू-अर्जन होने के बाद एनएचएआई काम शुरू कर सकती है। मुआवजा प्रकरण लंबित होने पर भी काम रोका नहीं जा सकता। पुलिस बल की मांग की गई है, जिसके लिए पुलिस प्रशासन को पत्र लिखा गया है।

मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की आशंका
एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि यहां मुआवजा वितरण में भारी गड़बड़ी हुई है। इसका प्रकरण अब रायपुर कमिश्नर कोर्ट में लंबित है। सुनवाई 12 जनवरी को होनी है। राजस्व विभाग के अनुसार, 559 मीटर जमीन का मुआवजा करीब 29.5 करोड़ रुपये का होता है। अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन को छोटे टुकड़ों में काटकर 159 खसरा बांट दिया गया। इसमें मुआवजा के लिए 80 नए नाम रिकॉर्ड में चढ़ा दिए गए। ऐसे में मुआवजा राशि 29.5 करोड़ से बढ़कर 78 करोड़ रुपये पहुंच गई। मुआवजे की राशि देने के लिए राजस्व विभाग से फाइल एनएचएआई को भेजी गई। वहां गड़बड़ी का संदेह होने पर प्राधिकरण ने मुआवजा रोका हुआ है।
 
246 करोड़ बांटा मुआवजा, 78 करोड़ रोका
बता दें कि चार एकड़ भूमि एक ही व्यक्ति के नाम पर थी। मुआवजे के लिए सर्वे होने से तक उस भूमि को एक ही परिवार के 14 लोगों के नाम पर बांट दी गई। इसके बाद एक ही परिवार के सदस्यों को 70 करोड़ रुपये मुआवजा का भुगतान कर दिया गया। अभनपुर बेल्ट में 9.38 किलोमीटर के लिए 324 करोड़ की मुआवजा राशि निर्धारित की गई। इसमें से 246 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं, 78 करोड़ रुपये का भुगतान रोक दिया है।

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