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नशीली दवा के अवैध कारोबार से कमाई संपत्ति पुलिस ने की सीज

बिलासपुर

नशे के कारोबारी ने अलग-अलग राज्यों में दो करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बनाई थी। पुलिस की टीम ने जांच के बाद मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा स्थित जमीन को सीज किया है। साथ ही बैंक में जमा रुपयों को होल्ड कराया गया है।

आरोपित के शेयर भी जब्त कर लिए गए हैं। मामले को पुलिस सफेमा कोर्ट में पेश करेगी। न्यायालय के आदेश पर संपत्ति जब्त की जाएगी। एसपी रजनेश सिंह ने बताया कि सिविल लाइन पुलिस ने नशीली दवाओं के कारोबार से जुड़ी सृष्टि कुर्रे को गिरफ्तार किया है।

उससे पूछताछ में पता चला कि वह गिन्नी जांगड़े, संजीव उर्फ सुच्चा सिंह छाबड़ा से नशीली दवाएं मंगाती थी। इसके बाद पुलिस की टीम ने सृष्टि के संपर्क की जांच शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने संजीव उर्फ सुच्चा सिंह को मध्य प्रदेश के जबलपुर से गिरफ्तार किया।

करीब दो करोड़ रुपये की है पूरी संपत्ति
आरोपित को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया। इसके बाद पुलिस ने उसके संपत्ति की जांच शुरु की। इसमें पता चला कि लंबे समय नशीली दवाओं के अवैध कारोबार में सक्रिय रहकर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में संपत्ति खरीदी।

साथ ही हरियाणा में एक करोड़ से अधिक की जमीन का सौदा कर 20 लाख रुपये एडवांस दिया था। पुलिस ने राजस्व विभाग से इसकी जानकारी लेकर संपत्ति सीज कर लिया है। साथ ही शेयर और बैंक एकाउंट को होल्ड कराया गया है। पूरी संपत्ति लगभग दो करोड़ रुपये की है।

आरोपित की संपत्ति
जबलपुर में 4,190 वर्गफुट जमीन, निर्माणाधीन मकान-दुकान, कीमत 65 लाख।
    महाराष्ट्र के नागपुर मौदा में चार दुकान व एक जमीन कीमत 1.08 करोड़ रुपये।
    हरियाणा के फरीदाबाद में जमीन खरीदने के लिए दिए 20 लाख रुपये एडवांस।
    कंपनी के माध्यम से खरीदे गए चार लाख 96 हजार रुपये के शेयर जब्त किए गए।
    आरोपित और उसकी बहू के खाते में जमा सात लाख 77 हजार रुपये भी मिले हैं।

फर्जी कंपनी बनाकर अवैध कमाई को करता था वैध
एएसपी अनुज कुमार ने बताया कि आरोपित ने अपने पुराने पता टिकरापारा से छाबड़ा कंस्ट्रक्शन के नाम पर फर्म तैयार की थी। इससे वह रुपये का लेन-देन करता था। साथ ही मुनाफा बताकर नशे के अवैध कारोबार से कमाई संपत्ति को वैध कर रहा था।

आरोपित के बैंक खातों की जांच में पता चला कि अवैध कमाई को पहले उसने अपने रिश्तेदारों के खाते में जमा किया। इसके बाद अपने फर्म के खाते में लेकर अलग-अलग जगहों पर निवेश कर रहा था।

क्या है सफेमा कोर्ट
तस्करी से कमाई की संपत्ति को जब्त कर पुलिस पूरे मामले को सफेमा (स्मगलर्स एंड फॉरेन एक्सचेंज मेनीपुलेटर्स कोर्ट) में पेश करती है। इसमें नशीली दवाओं के अवैध कारोबार से 10 साल के भीतर कमाई संपत्ति की जांच की शामिल है। आरोपित को न्यायालय में संपत्ति की जानकारी देनी होती है। सुनवाई के बाद कोर्ट संपत्ति के संबंध में निर्णय देती है।

मुंबई रीजन में बड़ी कार्रवाई
सिविल लाइन पुलिस की ओर से साल 2024 में नशे के कारोबार से गोदावरी जांगड़े के खिलाफ सफेमा कोर्ट में आवेदन पेश किया। यह पूरे छत्तीसगढ़ में पहला मामला था। इसके बाद साल 2025 में भी सुच्चा सिंह के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

सफेमा कोर्ट के मुंबई रीजन में छत्तीसगढ़ के साथ ही गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ राज्यों और दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली के संघ शासित प्रदेश आते हैं। नशे के कारोबारी की संपत्ति सीज करने मुंबई रीजन में स्टेट पुलिस की बड़ी कार्रवाई है।

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