रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। बघेल ने ट्वीट कर कहा कि यह कार्रवाई बदले की भावना से की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की साजिश रच रही है और पूरी कांग्रेस पार्टी कवासी लखमा के साथ खड़ी है। बता दें कि शराब घोटाला मामले में 28 दिसंबर 2024 को ED ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी। इस छापेमारी में ED ने नगद लेन-देन के सबूत मिलने की जानकारी दी थी। इसके बाद, तीसरी बार पूछताछ के बाद ED ने कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें कोर्ट में पेश किया जा रहा है। इस मामले में आयकर विभाग ने 11 मई, 2022 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और सौम्या चौरसिया के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें बताया गया था कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत और अवैध दलाली के जरिए बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा था। इस पर ED ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA Act के तहत मामला दर्ज किया था। अब तक इस मामले में 2161 करोड़ के घोटाले का जिक्र किया गया है। ED की चार्जशीट के अनुसार, साल 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के जरिए शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त किया, जिसके बाद अधिकारियों, कारोबारियों और राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के माध्यम से भ्रष्टाचार किया गया। इससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ। आरोप है कि अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी के सिंडिकेट ने नकली होलोग्राम लगाकर अवैध तरीके से शराब की बेधड़क बिक्री की, जिससे राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ। CSMCL की दुकानों में तीन प्रमुख ग्रुपों की शराब बेची जाती थी—केडिया ग्रुप (52 प्रतिशत), भाटिया ग्रुप (30 प्रतिशत), और वेलकम ग्रुप (18 प्रतिशत)।
Related Articles
Check Also
Close