छत्तीसगढ़राज्य

अब अगर ऑफिस देरी से पहुंचे तो होगी परेशानी, कलेक्टर ने दी सख्त चेतावनी

बलौदा बाजार: जिले में कार्यालय समय में अधिकारियों और कर्मचारियों की लेटलतीफी एक बड़ी समस्या है। पत्रिका ने बुधवार को ही बताया था कि कैसे सुबह 10 बजे के बाद भी न सिर्फ अधिकारियों की कुर्सियां ​​खाली मिलती हैं, बल्कि कई विभागों के ताले भी नहीं खुलते। मंगलवार को सुबह 10 से 10.30 बजे के बीच की गई पड़ताल में करीब 90 फीसदी अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय से नदारद मिले। खबर प्रकाशित होते ही कलेक्टर दीपक सोनी ने जिला सभागार में अधीनस्थों की बैठक बुलाई। जिला सभागार में हुई इस बैठक में कलेक्टर काफी सख्त नजर आए। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से साफ कहा कि उन्हें समय पर ड्यूटी पर आना है।

उन्होंने समय को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही होने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी। इसके अलावा उन्होंने मैदानी अधिकारियों को भी सप्ताह में 2 दिन कार्यालय में रहने को कहा है, ताकि लोगों को अपने काम कराने के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। यह समस्या सबसे ज्यादा पटवारियों और सचिवों के साथ होती है। ऐसे में उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को कार्यालय में उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। पटवारियों और सचिवों को भी गांव की खैरियत रिपोर्ट प्रतिदिन जनपद सीईओ और तहसीलदार को सौंपने को कहा गया है। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ दिव्या अग्रवाल, अपर कलेक्टर अभिषेक गुप्ता सहित जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार, जनपद सीईओ, एडीईओ, आरआई, पटवारी, ग्राम सचिव आदि मौजूद रहे।

चुनाव के मद्देनजर समय और तैयारी

कल्याण रिपोर्ट को लेकर कलेक्टर भी अधिकारी-कर्मचारियों से खासे नाराज दिखे। उन्होंने कसडोल जनपद पंचायत के सीईओ सहित एडीईओ को लापरवाही बरतने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन दोनों की एक-एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश भी दिए हैं। इस दौरान उन्होंने सभी को अनुशासन में रहते हुए अपना काम करने की हिदायत भी दी। बैठक में कलेक्टर ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने अधीनस्थों से गांवों की सूची बनाने को कहा है।

सबसे संवेदनशील, अतिसंवेदनशील और सामान्य गांवों को अलग-अलग रंगों से कोड करें। गांव में किसी तरह का विवाद हो तो उसे सुलझाने की रणनीति बनाएं। पंचायतों में मूलभूत एवं अन्य मदों की राशि के भुगतान पर स्पष्ट कहा कि जिस उद्देश्य के लिए राशि स्वीकृत की गई है, उसी के अनुरूप कार्य होना चाहिए। तभी राशि दी जाएगी। यदि गलत तरीके से राशि निकाली गई तो सरपंच एवं सचिवों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

Related Articles

Back to top button