छत्तीसगढ़राज्य

 डिप्रेशन में आकर युवक ने लगाई फांसी, फरवरी में होनी थी शादी

बिलासपुर । कतिया पारा के दुर्गा चौक में रहने वाले विजय कश्यप (उर्फ़ दिनु), पिता राजेश कश्यप ने डिप्रेशन के चलते मूंगा पेड़ में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। विजय फूल व्यवसाय से जुड़े थे और उनकी शादी 18 फरवरी को तय थी। लेकिन पुष्पेंद्र देवांगन के द्वारा पैसे लेकर भाग जाना और पुष्पेंद्र देवांगन के लोन की किस्त को पटाने  की परेशानी ने उन्हें ऐसा घातक कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।

लोन और पैसा देना बना मौत की वजह
सूत्रों के अनुसार, विजय ने एक निजी लोन ऐप के माध्यम से पैसा लिया था, जो उन्होंने देवांगन हॉस्टल के संचालक पुष्पेंद्र देवांगन को दिया था। पुष्पेंद्र देवांगन पिछले दो महीने से फरार हैं और कर्ज़ की किस्तें नहीं चुका रहे थे। विजय पर ?1100 प्रतिदिन की ईएमआई का दबाव बढ़ता जा रहा था। विजय का छोटा सा फूल व्यवसाय इतना मुनाफा नहीं दे पा रहा था कि वह इस कर्ज़ का बोझ संभाल सकें।

सोना गिरवी और आर्थिक तंगी ने बढ़ाया तनाव
स्थानीय लोगों का कहना है कि विजय ने कुछ सोना गिरवी रखकर भी पैसे दिए थे, लेकिन समय पर भुगतान न होने के कारण कंपनी ने सोने को नीलाम कर दिया। इस घटना ने विजय को और ज्यादा मानसिक तनाव में डाल दिया।

फरवरी में थी शादी, परिवार सदमे में
विजय की शादी 18 फरवरी को तय थी, और घर में शादी की तैयारियां जोरों पर थीं। लेकिन इस दर्दनाक घटना ने परिवार और समाज को झकझोर कर रख दिया है। विजय की मौत के बाद उनके घर में मातम छा गया है।

संचालक की गिरफ्तारी की मांग
स्थानीय लोगों ने पुष्पेंद्र देवांगन की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते विजय को मदद मिलती या दोषी को पकड़ लिया जाता, तो शायद विजय यह कदम नहीं उठाते।

समाज को जागरूक होने की जरूरत
यह घटना समाज में बढ़ते मानसिक तनाव और वित्तीय प्रबंधन की चुनौतियों को उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में लोगों को मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने और समय पर मदद मांगने की जरूरत है। फिलहाल मौके पर पुलिस पहुंचकर पंचनामा कर रही है विजय कश्यप की मौत ने सभी को गहरे शोक में डाल दिया है और समाज को आर्थिक व मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अधिक संवेदनशील होने की सीख दी है।

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