बिलासपुर। बुधवार को नगर निगम बिलासपुर पार्षद और मेयर प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की जांच हुई। जांच पड़ताल के दौरान विभिन्न कारणों से 6 प्रत्याशियों के नामांकन को निरस्त कर दिया गया है। प्रत्याशियों का नामांकन राज्य निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक विनीत नंदनवार की उपस्थिति में किया गया। खासकर वार्ड क्रमांक 13 के दो उम्मीदवारों के नामांकन रद्द होने से भाजपा पार्षद को फायदा मिला है। भाजपा प्रत्याशी रमेश पटेल की औपचारिक जीत का एलान किया जाना बाकी है। चुनाव आयोग ने नगर निगम बिलासपुर के 6 प्रत्याशियों के नामांकन को निरस्त कर दिया है। सभी का नामांकन अलग अलग कारणों से निरस्त कर दिया गया है। निरस्त कार्रवाई के बाद वार्ड क्रमांक 13 के भाजपा पार्षद प्रत्याशी रमेश पटेल की जीत हुई है। जानकारी देते चलें कि वार्ड क्रमांक 13 से कांग्रेस प्रत्याशी श्याम पटेल, आप प्रत्याशी नर्मदा पटेल ने नामांकन दाखिल किया था। राज्य निर्वाचन आयोग के प्रेरक्ष विनित नंदनवार की उपस्थिति में आज नामांकन जाच की प्रक्रिया हुई।प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी और निवर्तमान पार्षद श्याम पटेल का नामांकन जाति प्रमाण जमा नहीं किये जाने के कारण निरस्त किया गया। जबकि आम आदमी पार्टी प्रत्याशी नर्मदा पटेल को चुनाव आयोग ने पहले ही 6 साल तक चुनावी गतिविधियों से दूर रहने का आदेश दिया है। नर्मदा पटेल ने पिछली बार चुनाव के बाद खर्ज का आय व्यय जमा नहीं किया था।आयोग ने इसके अलावा वार्ड 51 से राजकुमार साहू, वार्ड 52 से अनिता पाटिल, वार्ड 55 से शबनम बेगम और 68 से मीनाक्षी पटेल का भी नामांकन फार्म अधूरा होने के कारण निरस्त किया है। बहरहाल वार्ड क्रमांक 13 के भाजपा प्रत्याशी रमेश पटेल की जीत औपचारिक एलान होना बाकी है।चुूनाव अधिकारी ने बताया कि 31 जनवरी को 3 बजे तक नामांकन वापिस लेने का समय निर्धारित है।
कांग्रेस के पास प्रत्याशियों का टोंटा-सुशान्त शुक्ला
रमेश पटेल की अनौपचारिक जीत पर बेलतरा विधायक सुशान्त शुक्ला ने खुशी जाहिर किया है. उन्होने बताया कि कांग्रेस के पास मजबूत प्रत्याशी तो दूर कार्यकर्ता भी नहीं है। कांग्रेस ने प्रत्याशियों को घर से बुलाकर टिकट बांटा है। उसका परिणाम आज सबके सामने है। हम निगम में रिकार्ड मतो से जीत हासिल करेंगे।
पार्टी से निष्कासन का आदेश
जिला कांग्रेस अध्यक्ष ग्रामीण विजय केशरवानी ने बताया कि श्याम पटेल को वार्ड क्रमांक 13 का पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था। उन्होने नामांकन के दौरान जानबूझ कर ओबीस का प्रमाण पत्र पेश नहीं किया है। ऐसा किया जाना पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल है। वह पिछली बार चुनाव जीत चुके है। इससे जाहिर होता है कि उन्होने जानबूझकर ओबीसी प्रमाण पत्र पेश नहीं किया है। सीधे तौर पर भाजपा को लाभ पहुंचाने का काम किया है। इसलिए श्याम पटेल को विरोधी गतिविधियों के आरोप में 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
श्याम पटेल पर लेन देन का आरोप
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नाम नहीं छापने की शर्त पर एक नेता ने बताया कि श्याम पार्षद पुराना पार्षद है। उसे अच्छी तरह से पता है कि नामांकन के दौरान क्या जमा करना होता है। बावजूद इसके उसने जानबूझकर ओबीसी प्रमाण पत्र पेश नहीं किया। इस बात की पुख्ता जानकारी है कि इसके लिए लाखों रूपयों का सौदा हुआ है। अन्दर खाने से मिली जानकारी के अनुसार नामांकन रद्द होने में श्याम पटेल को लाखों का मुनाफा हुआ है।