देश

चुनाव अधिकारी ने गड़बड़ी से किया इनकार, उल्टे AAP-कांग्रेस पार्षदों पर लगाए आरोप…

 मंगलवार को चंडीगढ़ में हुए मेयर का चुनाव विवादों में घिर गया है। बीजेपी की जीत पर विपक्ष ने सवाल उठाते हुए बेईमानी का आरोप लगाया है।

मतपत्रों में छेड़छाड़ के आरोपों के बाद विवाद के केंद्र में रहे पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह का बयान सामने आया है।

उन्होंने मतगणना के दौरान अपने कार्यों का बचाव करते हुए दावा किया कि आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के सदस्यों ने निशानों और धब्बों के कारण 11 मतपत्रों को बदलने का अनुरोध किया था

न्होंने बताया, ”कुल 36 वोट पड़े। जब हम मतपत्र जारी कर रहे थे, तो कुछ आप और कांग्रेस पार्षद चिंतित थे कि कागजात पर धब्बे और निशान थे।

उन्होंने मुझसे लगभग 11 मतपत्र बदलने के लिए कहा। मैंने उनके अनुरोध का सम्मान किया और विचाराधीन मतपत्रों को एक तरफ रख दिया और उन्हें नए मतपत्र जारी किए।”

मसीह के अनुसार, जब परिणाम घोषित होने वाले थे तो अराजकता फैल गई। भाजपा उम्मीदवार मनोज सोनकर को 16 वोट मिले, आप के कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले और आठ वोट अवैध घोषित कर दिए गए।

मसीह ने आरोप लगाया कि मतपत्रों को सत्यापित करने के बजाय आप और कुछ कांग्रेस पार्षदों ने व्यवधान पैदा किया।

उन्होंने कहा, “मैंने AAP-कांग्रेस उम्मीदवार के पोलिंग एजेंट से मतपत्र की जांच करने के लिए कहा, लेकिन ऐसा करने के बजाय AAP और कुछ कांग्रेस पार्षद प्रक्रिया को बाधित करने के लिए मेज पर कूद गए। उन्होंने मतपत्रों पर कब्जा कर लिया और उन्हें फाड़ दिया। AAP और कांग्रेस ने चुनाव प्रक्रिया को पटरी से उतारने की साजिश साजिश रची।”

आपको बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। भाजपा का आरोप है कि आम आदमी पार्टी के अंदरूनी दबाव और जबरदस्ती से नाराज होकर पार्षदों ने जानबूझ कर अपना वोट अमान्य कराया है।

वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी चंडीगढ़ महापौर चुनाव में भाजपा पर धोखाधड़ी का आरोप लगा रही है।

चंडीगढ़ में हुए मेयर के चुनाव में विपक्षी गठबंधन के पास ज्यादा सीट होने के बावजूद भाजपा के उम्मीदवार के जीतने से उत्साहित भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्षी गठबंधन पर कटाक्ष किया।

उन्होंने कहा कि हार से पता चलता है कि न तो उनका अंकगणित काम कर रहा है और न ही उनकी केमिस्ट्री काम कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में अपनी पार्टी इकाई को जीत के लिए बधाई दी। भाजपा के मनोज सोनकर ने मंगलवार को चंडीगढ़ महापौर के चुनाव में आप के कुलदीप कुमार को हराकर जीत दर्ज की।

लोकतांत्रिक व्यवस्था पर निर्लज्ज तरीके से कब्जा : कांग्रेस
कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि उसे इस बात की हैरानी नहीं है कि भाजपा ने चंडीगढ़ में लोकतंत्र की हत्या के लिए 30 जनवरी का दिन चुना।

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक्स पर पोस्ट किया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर निर्लज्ज तरीके से कब्जा किया गया।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भाजपा ने चंडीगढ़ में लोकतंत्र की हत्या के लिए 30 जनवरी का दिन चुना।

मेयर चुनाव में बेईमानी की गई : अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि चंडीगढ़ में महापौर पद के लिए हुए चुनाव में सरेआम बेईमानी की गई।

केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, चंडीगढ़ के महापौर पद के लिए हुए चुनाव में दिनदहाड़े जिस तरह से बेईमानी की गई है, वह बेहद चिंताजनक है।

यदि महापौर के चुनाव में यह लोग इतना गिर सकते हैं तो राष्ट्रीय चुनाव में तो ये किसी भी हद तक जा सकते हैं।

चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं। चंडीगढ़ से भाजपा सांसद किरण खेर भी इन चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस तरह से कुल 36 मतदाताओं ने इस चुनाव में वोट डाले।

सदन में भाजपा के 14 पार्षद, आप के 13 तो कांग्रेस के सात पार्षद हैं। हरदीप सिंह शिरोमणि अकाली दल के एक मात्र पार्षद हैं।

सदन में संख्या बल के लिहाज से भाजपा के पक्ष में 15 और इंडिया गठबंधन के पक्ष में 20 वोट थे। इंडिया गठबंधन के 20 पार्षदों में से सिर्फ 12 के वोट मान्य करार दिए गए।

उनके आठ के वोट अमान्य हो गए। इस तरह से संख्या बल में बहुमत से कम होने के बाद भी भाजपा ने चुनाव जीत लिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button