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भारत नए ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल में 1.2 अरब डॉलर निवेश करेगा अडाणी ग्रुप

नई दिल्ली, अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड ने अपने दक्षिण भारत के ट्रांसशिपमेंट कंटेनर पोर्ट को मजबूत करने 10,000 करोड़ रुपये यानी (1.2 बिलियन डॉलर) के निवेश की योजना है। इसका उद्देश्य दुनिया के सबसे बड़े जहाजों को आकर्षित करना है। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है केरल में पहले विझिंजम पोर्ट में निवेश उस प्रोजेक्ट के दूसरे फेज का हिस्सा है जिसके 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है। अडाणी ग्रुप के योजनाओं से परिचित लोगों के मुताबिक अडाणी पोर्ट्स ने दुनिया की सबसे बड़ी कंटेनर लाइनों जैसे  एमएससी, एपी मोलर-मेयर्स्क एएस और हापग-लेयार्ड को पोर्ट पर लाने की योजना है।
विझिंजम पोर्ट भारत के दक्षिणी सिरे पर स्थित है और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के पास है। पोर्ट 800-मीटर कंटेनर में ट्रायल रन के हिस्से के रूप में  कल ही यानी 11 जुलाई को पहले मदरशिप की अगवानी कर इतिहास रचा है। अडाणी ग्रुप का यह बंदरगाह इस साल सितंबर में ओणम पर व्यावसायिक रूप से चालू हो जाएगा। जहाज एमवी सैन फर्नांडो के इस बंदरगाह पहुंचने पर करीब हजार लोग मौजूद थे और इस अवसर पर तिरंगा फहराया गया। टनबोट के ज​रिए इस जहाज को पानी की सलामी दी गई। विझिंगम पोर्ट का उद्घाटन अक्टूबर में किया गया था। एशिया के दूसरे सबसे अमीर उद्योगपति गौतम मेयर्स्क के ग्रुप का प्रयास है कि भारत को दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाजों के नक्शे पर लाया जाए और वर्तमान में चीन द्वारा प्रभुत्व वाले अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार का एक बड़ा हिस्सा हासिल किया जा सके। 
अब तक ऐसे कंटेनर भारत के बंदरगाहों की गहराई के अभाव के कारण भारत आने से बचते हैं और इसके बजाय कोलंबो, दुबई और सिंगापुर के बंदरगाहों पर डॉक होते थे। निवेश का उपयोग मौजूदा बर्थ की लंबाई बढ़ाने और पोर्ट के ब्रेकवाटर को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। ब्रेकवाटर एक समुद्र में बनाई गई चट्टानी दीवार है जो बंदरगाह को तरंगों की ताकत से बचाती है।
ट्रांसशिपमेंट का मतलब है कि किसी जहाज से कार्गो को उसके डेस्टिनेशन की ओर जाने वाले एक अन्य बड़े ‘मदर’ शिप पर ट्रांसफर करना। विझिंजम टर्मिनल में जहाजों के लिए बंकरिंग सुविधाएं होंगी और अतिरिक्त क्रेनों को खरीदने की योजना है, इसके अलावा बड़े लक्जरी लाइनों को अकमोडेट करने के लिए एक क्रूज टर्मिनल का निर्माण भी किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के निकटता, जो वैश्विक कार्गो ट्रैफिक का 30 फीसदी हिस्सा है और एक नेचुरल चैनल जो समुद्र तल से 24 मीटर नीचे तक जाता है, विझिंजम को कुछ सबसे बड़े जहाजों के लिए एक आदर्श केंद्र बनाता है।

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