धर्म

इस मंदिर के सैकड़ों पत्थर पर लिखे हैं लोगों के नाम, सालों से चल रही है परंपरा, ऐसा करने से मिलती है मोक्ष प्राप्ति

 बड़े-बुजुर्गों की मौत के बाद लोग कई उपाय करते हैं. हर कोई चाहता है कि उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिले. पर क्या आपने एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में सुना है, जहां सिर्फ एक पत्थर लगा देने से दिवंगत आत्माओं को शांति मिल जाती है? जी हां, ऐसा एक मंदिर है वृंदावन में. यह मंदिर यमुना किनारे बना हुआ है. इस मंदिर में सैकड़ों नाम के पत्थर मंदिर लगे हुए हैं. मान्यता के अनुसार जिन व्यक्तियों की मृत आत्मा भटकती है, वो इस मंदिर में पत्थर लगाने के बाद शांत हो जाती है.

इस मंदिर में मिलती है आत्माओं को शांति
मथुरा और वृंदावन के कन-कन में श्री कृष्ण राधा विराजमान हैं. यमुना के किनारे बने केसी घाट पर श्री राधा वंशी गोपाल मंदिर अपनी मान्यता के लिए जाना जाता है. इस मंदिर की अपनी ही एक अलग कहानी है. आपको मंदिर में कई सारे नाम गुदे हुए पत्थर देखने को मिलेंगे. यह पत्थर भी अपने अंदर इतिहास को समेटे हुए हैं. सैकड़ों पत्थर कुछ ना कुछ कहते हैं. श्री राधा वंशी गोपाल मंदिर की सेवायत पुजारी सपना ने बताया कि यह पत्थर उन लोगों के हैं, जो इस दुनिया में नहीं है. उन दिवंगत आत्माओं के यह पत्थर परिवार वाले यहां लगवाते हैं.

सैकड़ों पत्थर की कहानी
उन्होंने बताया कि मंदिर में यह सैकड़ों पत्थर लगे हुए हैं. मान्यता के अनुसार इन पत्थरों को इसलिए लगवाया गया है कि जो भी बृजवासी इन पत्थरों के ऊपर से गुजरता है, तो दिवंगत आत्माओं को मोक्ष प्राप्ति होती है. पुजारी का यह भी कहना है कि यहां अधिकतर उड़िया भाषा में पत्थर पर नाम लिखे हुए हैं, जो व्यक्ति वृंदावन नहीं आ पाए और उनका गोलोकवास हो गया है, उनके परिजन यहां उनके नाम के बने हुए पत्थर लाकर मंदिर में लगा देते हैं. इससे मृत आत्माओं को शांति के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह मंदिर जब से बना है, यहां पत्थर लगातार लगाए जा रहे हैं.

ब्रजवासियों के चरणों में है अलौकिक शक्तियां
उन्होंने बताया कि राधा कृष्ण की कृपा ऐसी होती है कि सीधा दिवंगत आत्माओं को मोक्ष मिलने के बाद वह स्वर्ग में चली जाती हैं. ब्रज की राज उन आत्माओं के नाम के पत्थर पर पड़ने से श्री कृष्णा अपने पास उन्हें बुला लेते हैं. ब्रजवासियों के चरणों में इतनी शक्ति है कि उनके चरण मात्र से धन्य हो जाती हैं.
 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button