व्यापार

फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग पर बजट का प्रभाव: लागत में बढ़ोतरी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश केंद्रीय बजट (Budget 2024) में फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेड पर सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) रेट बढ़ाने का एलान किया। इसका मकसद रिटेल इन्वेस्टर्स को शेयर मार्केट के जोखिम भरे हिस्से में ट्रेडिंग से हतोत्साहित करना है।

कितना बढ़ा ट्रांजेक्शन टैक्स

पहले ऑप्शन प्रीमियम की बिक्री पर 0.06 फीसदी STT लगता था। लेकिन, इसे बजट में बढ़ाकर 0.1 फीसदी करने का प्रस्ताव है। वहीं, सिक्योरिटीज में फ्यूचर्स की बिक्री पर STT पहले 0.01 फीसदी था, जिसे बढ़ाकर 0.02 फीसदी किया जाएगा।

इकोनॉमिक सर्वे ने भी जताई थी चिंता

इससे पहले इकोनॉमिक सर्वे ने रिटेल इन्वेस्टर्स की डेरिवेटिव ट्रेडिंग में बढ़ती भागीदारी पर चिंता जताई थी। सर्वे का कहना था कि भारत जैसे विकासशील देश में सट्टेबाजी वाले ट्रेड की जगह नहीं हो सकती। इसमें कहा गया था कि F&O जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट बड़े लाभ की संभावना में लोग पैसे लगाते हैं। यह एक तरह से जुआ खेलने वाली प्रवृत्ति है, जिसमें खुदरा निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा है।

सेबी चीफ भी F&O trading पर सख्त

पिछले दिनों मार्केट रेगुलेटर सेबी की चीफ माधबी पुरी बुच ने भी चिंता जताई थी कि निवेशक F&O trading पर भारी दांव लगा रहे हैं। उनसे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन भी F&O trading को रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए जोखिम भरा बता चुके थे।

क्या होती है F&O trading?

फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) असल में एक तरह के फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट हैं। ये निवेशक को स्टॉक, कमोडिटी, करेंसी में कम पूंजी में बड़ी पोजिशन लेने की इजाजत देते हैं। ये हाई रिवॉर्ड, हाई रिस्क ट्रेडिंग टूल है, जहां आप मार्केट में उतार या चढ़ाव का सही अनुमान लगाकर पैसे कमा सकते हैं। इसमें पैसा तेजी से बनता है, लेकिन उससे अधिक तेजी से डूबता भी है। यही वजह है कि फाइनेंशियल रेगुलेटर इसे लेकर कई बार चिंता जता चुके हैं

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button