मरवाही.
मरवाही में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है।पीड़ित को जब तक खुद के ठगे जाने का अहसास हुआ। तब तक वो ठग के झांसे में आकर 3,50,000 रुपये का चपत लग चुका था। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी विजय साहू के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।
दरअसल, पीड़ित मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले के राजनगर का रहने वाले राकेश कुमार अग्रहरि ने दर्ज कराया है। उसकी जमीन मरवाही में स्थित था। जिसके बिक्री के संबंध में मरवाही आना जाना लगा रहता था। जिससे उसकी पहचान विजय सिंह बघेल स्वा. रघुनाथ सिंह बघेल निवासी लोहारी (मरवाही) के साथ सन् 2019 में हुआ था। जहां 4 अगस्त 2019 को उसने विजय सिंह बघेल के परिचित आरोपी विजय साहू जो खुद को मंत्रालय में पदस्थ अधिकारी होना बतलाया था। विजय साहू ने कहा कि मैं तुम्हारा नौकरी शिक्षा विभाग में संविदा क्लर्क में लगवा दूंगा। जिसमें तीन लाख रुपये लगेंगे। विजय साहू की बात में आकर पीड़ित राकेश अग्रहरि के छह अगस्त 2019 को पहली किस्त की राशि 75000 रुपये विजय सिंह बघेल के हाथ में लोहारी के पूर्व सरपंच रोहित परस्ते के घर पर गवाह रोहित परस्तें कुलदीप केवट के सामने दिया दे दिया। वहीं उसके बाद विजय साहू के द्वारा मोबाइल पर कहा गया कि मैं ग्राम सिवनी मरवाही के स्कूलों का निरीक्षण करने आऊंगा तो बाकी पैसा दे देना। जहां किसी कारण वश पैसा व्यवस्था न होने पर विजय साहू के द्वारा मरवाही आकर कहा गया कि पैसा व्यवस्था हो जाये तो मेरे रायपुर निवास में आकर पैसा दे देना। वहीं 12 अगस्त 2019 को पीड़ित ने विजय साहू के मकान नया रायपुर सेक्टर 29 मकान क्रमांक 189 विजय सिंह बघेल, रोहित परस्ते, कुलदीप केवट, पंकज सिंह के सामने एक लाख पछतर हजार रुपये नगद विजय साहू के हाथ में दिया। जिसका पीड़ित ने वीडियो क्लीप भी बना लिया था। वहीं जब भी पीड़ित के द्वारा नौकरी को लेकर बातचीत की जाती तो विजय साहू के द्वारा टाल मटोल करके धीरे-धीरे एक वर्ष बीतने के बाद विजय साहू द्वारा पीड़ित के मोबाइल पर बताया कि मैं 15 अगस्त 2020 को सिवनी मरवाही पहुंचेगा तब तुम करीब एक लाख रुपये की व्यवस्था कर लेना। तभी मैं तुम्हारा नियुक्त पत्र दिखाउगां। जिसके बाद 18 अगस्त को पीड़ित राकेश अपने दोस्त पंकज सिंह के साथ सिवनी गांव मरवाही स्थित सरकारी अवास में एक लाख रुपये दिए। तब विजय साहू के द्वारा एक आदेश पत्र स्वंय के मोबाइल पर नियुक्ति पत्र पीड़ित को दिखलाया। जिस पर अपर सचिव शिक्षा विभाग की सील लगी हुई थी। वहीं विजय साहू द्वारा मुझे अपने विश्वास पर लाने के लिये साठ हजार रुपये का चेक दिया। दो माह बाद 22 अक्तूबर 2020 को और उसे नया रायपुर इन्द्रावती भवन में सेकेंड फ्लोर पर विजय साहू द्वारा बुलाया गया।
उन्होंने कहा कि एक हप्ते बाद काम हो जायेगा। लेकिन उसके बाद से विजय साहू के द्वारा नौकरी की बात को लेकर पीड़ित राकेश अग्रहरि को हमेशा टाल मटोल करने लगा। जिसपर पीड़ित को खुद के साथ हुई ठगी का अहसास हुआ। विजय साहू से अपने दिए पैसे की मांग की। जब पैसा नहीं मिला तो पीड़ित ने मामले की लिखित शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। जिसपर जांच शुरू हो गई है।