धर्म

कब है कामिका एकादशी? भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरूप की करें पूजा, पापों से मिलेगी मुक्ति, ये हैं महत्व

जयपुर. सावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका या पवित्रा एकादशी भी कहते हैं. इस एकादशी का विशेष महत्व है. यह देवशयनी एकादशी के तुरंत बाद आती है, जिस कारण भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं. मान्यता है कि कामिका एकादशी का व्रत भक्ति और श्रद्धा पूर्वक करने पर सभी तरह के बुरे कर्मों और पापों से मुक्ति मिल जाती है.

कामिका एकादशी इस समय से होगी शुरू
कामिका एकादशी 30 जुलाई 2024 को का शाम 4 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी, जबकि इसका समापन अगले दिन 31 जुलाई को शाम 3 बजकर 55 मिनट पर होगा. उदया तिथि के मुताबिक इस साल कामिका एकादशी का व्रत बुधवार 31 जुलाई 2024 को रखा जाएगा.

व्रत वाले लोग इन बातों का रखें ध्यान
कामिका एकादशी का व्रत रखने वाले को विशेष तौर पर साफ सफाई पर ध्यान देना चाहिए. व्रत वाले दिन स्नान आदि करके भगवान विष्णु की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करके कामिका एकादशी की पूजा के दौरान घी का दीया जलाना चाहिए. कामिका एकादशी के व्रत अनजाने में किए गए सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.

भगवान विष्णु के साथ भोले बाबा की होगी कृपा
इस दिन भगवान विष्णु के उपेंद्र स्वरूप की पूजा होती है. क्योंकि भगवान विष्णु नींद में होते हैं. कामिका एकादशी के दिन व्रत करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ भोले बाबा यानी भगवान शिव की भी कृपा प्राप्त होती है. भगवान विष्णु की उन्हीं मूर्तियों की पूजा करनी चाहिए जिसमें वे शंख और चक्रधारी रूप में हैं. कामिका एकादशी की रात में जागरण और दीप दान भी करना चाहिए.
 

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