राजस्थान के इस गांव में इस मुस्लिम परिवार ने की शिवलिंग की स्थापना, छठी पीढ़ी कर रही पूजा
पाली. सावन माह के चलते बात करें तो पाली के शिव मंदिरो में भगवान शिव की आराधना के साथ ही भक्तों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है. मगर पाली के एक गांव की अनोखी तस्वीर आपको हम दिखाएंगे. जहां शिव भक्त और वह भी मुस्लिम परिवार जो एक तरह से साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं. यह परिवार आज से नहीं बल्कि पिछले 200 सालों से गांव के इस शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर रहा है.
वर्तमान में इस परिवार की 6वीं पीढ़ी भगवान शिव की पूजा कर रही है. इन मुस्लिम परिवार का शिव भक्ति का कारण अगर आपको बताए तो वह कारण यह है कि जब इसी परिवार के पूर्वज जिनके शादी के 35 साल बाद भी कोई संतान नही हो रही थी तो वह एक बार भूतेश्वर महादेव मंदिर गए जहां पुजारी से को जब अपनी पीडा बताई तो उन्होंने यह कह दिया कि तुम्हारे 4 बेटियां और एक बेटा होगा तब उनके मिले आर्शीवाद से उनके घर में यही हुआ. जिससे उनका विश्वास उस वक्त से बढ गया और इसके बाद वह रोजाना शिव मंदिर जाने लगे और आराधना करने लगे. ऐसे में उसके बाद उन्होंने इस शिवलिंग की स्थापना अपने गांव में की जिसके बाद आज तक उनकी पीढ़ियां पूजा करती आ रही हैं.
ऐसे शिवभक्त बना यह मुस्लिम परिवार
साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश करने वाला यह गांव पाली जिला मुख्यालय से बात की जाए तो 27 किलोमीटर की दूरी पर है. जिसका नाम है आबाद पादरली तुर्कान गांव, करीब 250 घरों की आबादी वाले इस गांव में ज्यादा घर मुस्लिम परिवार के हैं. गांव के शाहिद खान बताते हैं कि उनके पूर्वज मदे खान की शादी के 35 साल बाद भी कोई संतान नहीं हुई थी. एक बार वे गुड़ा सोनिगरा स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर गए. जहां पुजारी तोलपुरी महाराज को अपनी पीड़ा बताई तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे 4 बेटियां और एक बेटा होगा. उनसे यह आशीर्वाद मिलने के बाद मदे खान के चार बेटियां और एक बेटा हुआ. उसके बाद से विश्वास बढता गया और देखते ही देखते वह शिव भक्त बन गए.
ऐसे हुई शिवलिंग की स्थापना
गांव के लोग बताते है कि शिव मंदिर के पुजारी के आशीर्वाद से संतान सुख मिलने के बाद मदे खान शिव भक्त बन गए ओर गांव से पैदल रोजाना गुड़ा सोनिगरा स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर जाने लगे. लेकिन वृद्धावस्था में उन्हें गुड़ा सोनिगरा गांव स्थित मंदिर जाने में दिक्कत होने लगी तो उन्होंने पुजारी को अपनी पीड़ा बताई. इस पर उन्होंने मदे खान को एक शिवलिंग दिया ओर कहा कि तुम्हारे गांव पादरली तुर्कान में इसे स्थापित कर पूजा करना शुरू कर देना. ऐसे में करीब 200 साल पहले मदे खान ने पादरली तुर्कान गांव में शिवलिंग की स्थापना की.उसके बाद से आज तक उनका परिवार इसकी पूजा अर्चना करता आ रहा है.
ईद हो या दीपावली सभी त्योहार मनाते हैं एक साथ
शाहिद खान की माने तो उनका परिवार ईद हो या दीपावली गांव वालों के साथ मिल जुलकर मनाते है. और पूरे गांव के ग्रामीण परिवार की तरह रहते है. उनके पूर्वज मदे खान के देहांत के बाद केसू खान, मेहताब खान, मोती खान, हुसैन खान ने मंदिर में पूजा अर्चना की. और करीब 60 साल पहले उनके पूर्वज मोती खान के समय मंदिर का निर्माण गांव में करवाया गया और वर्तमान में उनके परिवार की 6वीं पीढ़ी के मंदिर में देवासी समाज के पूजा-अर्चना कर रहा है. एक तरह से गांव में साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल है.
150 घर मुस्लिम परिवार के है इस गांव में
यह शिव मंदिर गांव में साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश करता है. गांव में मुस्लिम परिवारों के 150 घर हैं. देवासी समाज के 40 घर और अन्य जातियों के भी घर है. 250 घरों की बस्ती के इस गांव में शिवलिंग स्थापित होने के बाद प्रगति हुई. सभी मिलजुल कर यहां पूजा-अर्चना करते हैं. भगवान शिव के प्रति सभी का विश्वास बढा ही है.