धर्म

नाग पंचमी के दिन हरिद्वार में इस विधि से करें पूजा…खत्म होगा कालसर्प दोष, ज्योतिषी ने बताया अचूक उपाय

हरिद्वार. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सावन के महीने में नाग पंचमी का विशेष महत्व होता है. सावन के महीने में नाग पंचमी के दिन पूजा करने से कालसर्प दोष पूर्ण रूप से खत्म होने की धार्मिक मान्यता है. साल 2024 में नाग पंचमी 9 अगस्त 2024 को होगी. . धार्मिक ग्रंथो के अनुसार नाग पंचमी के अवसर पर यदि जातकों द्वारा हरिद्वार में ज्योतिष शास्त्र में बताई गई विधि के अनुसार पूजा पाठ की जाए तो उन्हें विशेष लाभ की प्राप्ति होती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूरे विश्व में नाग पंचमी के दिन यदि हरिद्वार में विशेष विधि के द्वारा नाग देवता को प्रसन्न किया जाए तो कालसर्प दोष से छुटकारा मिल जाता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नाग देवता भगवान शिव के एक आभूषण है. धार्मिक ग्रंथो और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हरिद्वार में नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. हरिद्वार भगवान शिव की नगरी है जहां भगवान शिव के बहुत से प्राचीन मंदिर हैं जिनका वर्णन शास्त्रों और पुराणों में किया गया हैं. हरिद्वार की उपनगरी कनखल में भोले बाबा की ससुराल हैं जहां पूरा सावन का महीना शिव वास करते हैं इसलिए हरिद्वार में नाग पंचमी के दिन पूजा करने से जातकों की कुंडली से सभी प्रकार के दोष खत्म हो जाते हैं.

नाग पंचमी के जरूर करें ये काम
हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने लोकल 18 को बताया कि हरिद्वार से भगवान भोलेनाथ का प्राचीन नाता है. तीर्थ नगरी हरिद्वार में नाग पंचमी के दिन पूजा पाठ करने से जातकों की कुंडली से हर प्रकार का कालसर्प दोष समाप्त हो जाता है. वह बताते हैं कि कालसर्प दोष की पूजा हरिद्वार में गंगा किनारे या भगवान भोलेनाथ के प्राचीन सिद्ध पीठ स्थलों पर करने से विशेष लाभ होता है.  साथ ही इस दिन अपने पितरों के निमित्त कोई भी धार्मिक कार्य करने पर सफलता प्राप्त होती हैं. पंडित श्रीधर शास्त्री आगे बताते हैं कि नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन का चांदी से बना जोड़ा गंगा में प्रवाहित करने और ओम नमः शिवाय आदि मंत्रो का जाप करना चाहिए. नाग पंचमी के दिन सर्प को दूध पिलाना भी विशेष लाभदायक होता है.

इस विधि से करें पूजा
नाग पंचमी के दिन पूरे विधि विधान से नाग देवता के मंदिर या भगवान भोलेनाथ के प्राचीन सिद्ध पीठ स्थलों पर पूजा पाठ किया जाए तो कुंडली में लगा हर प्रकार का कालसर्प दोष खत्म हो जाता है. कालसर्प दोष को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए किसी विद्वान पंडित से नाग देवता की पूजा करवानी चाहिए. साथ ही चांदी से निर्मित नाग नागिन का जोड़ा गंगा में या भोलेनाथ के सिद्ध पीठ स्थल पर जाकर उन्हें अर्पित करने से कालसर्प दोष पूर्ण रूप से समाप्त हो जाता हैं.
 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button