छत्तीसगढ़राज्य

जनता से जुड़ी सभी जनकल्याणकारी नीतियों को दस्तावेज में शामिल किया जाएगा: ओ.पी. चौधरी

रायपुर ।   छत्तीसगढ़ राज्य नीति आयोग द्वारा ’’अमृत कालः छत्तीसगढ़ विजन@2047’’ के तहत स्टियरिंग कमेटी की बैठक आज यहां मंत्रालय महानदी भवन अटल नगर नवा रायपुर में आयोजित की गई। बैठक वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी की अध्यक्षता एवं मुख्य सचिव अमिताभ जैन की सह-अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक का उद्देश्य 2047 तक छत्तीसगढ़ को एक विकसित राज्य बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं और नीतियों पर चर्चा करना था। बैठक में राज्य नीति आयोग के सदस्य, सलाहकार, विभिन्न विभागों के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, बुनियादी ढांचा, उद्योग और पर्यावरण संरक्षण, कृषि, टेक्नोलॉजी, कला और संस्कृति की पहचान सहित अन्य विषयों पर राज्य को विकसित राज्य बनाने की संकल्पना पर आधारित विषयों को प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया गया। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने अधिकारियों को विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने विधानसभा बजट सत्र में घोषणा की थी कि राज्य स्थापना दिवस, 1 नवंबर 2024 को ’’अमृत काल: छत्तीसगढ़ विजन@2047’’ दस्तावेज़ जारी किया जाएगा। इस विजन डॉक्यूमेंट में अगले 23 वर्षों में छत्तीसगढ़ के विकास की रूपरेखा तैयार की जा रही है, जिसमें राज्य के सभी सेक्टर्स के त्वरित विकास को सुनिश्चित किया जाएगा। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि सभी वर्गों के कल्याण के लिए केन्द्रीय बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं। उन बजट प्रावधानों को भी ध्यान में रखते हुए हमारा विजन तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विजन दस्तावेज में सभी विभागों के विजन को शामिल करने के लिए अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित की गई है। इसके लिए सभी संभागों में युवा, महिला, कृषक और प्रबुद्धजनों के साथ जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन कर उनके विचारों को शामिल किया जा रहा है।

साथ ही मोर सपना मोर विकसित छत्तीसगढ़ पोर्टल के माध्यम से लोगों के सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। मंत्री ओ.पी. चौधरी ने सर्विस सेक्टर को और ज्यादा बढ़ावा देने, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने, भविष्य में जल की जरूरतों को पूरा करने, राज्य के युवाओं के लिए उद्यमशिलता को बढ़ावा देने, राज्य में पर्यटन संभावनाओं को देखते हुए उस पर फोकस करना है। वित्तीय स्रोतों को बढ़ाने के उपायों, ग्रीन एनर्जी की डिमांड, केन्द्रीय सरकार के भविष्य की नीति, पर्यटन के क्षेत्र में ब्रांड विकसित करने, जिसमें रोजगार और राजस्व का सृजन, विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों को दस्तावेज में शामिल कर सरल और सुशासित छत्तीसगढ़ बनाने तथा राज्य के नागरिक खुशहाल जीवन जी सके जैसे बातों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों द्वारा संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए बनायी जा रही नीतियों की भी जानकारी होनी चाहिए। स्वस्थ और खुशहाल छत्तीसगढ़ के लिए उन्होंने स्वास्थ्य और सुपोषण पर जोर देते हुए, विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं तथा सभी को सस्ता और सुलभ ईलाज की उचित व्यवस्था को भी दस्तावेज में शामिल किए जाने की बात कही। उन्होंने राज्यों के कुछ शहरों को मेडीसिटी के रूप में विकसित करने, जनसंख्या आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन कार्यक्रम बनाने तथा सुपोषण के लिए अभियान चलाने की भी बात कही।

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने छत्तीसगढ़ को कृषि और संबंधित सुपर फूड के पॉवर हब के रूप में विकसित करने, लाजिस्टिक सेवाओं के विस्तार, वायु और सड़क मार्ग की कनेक्टिविटी विकसित करने, हर्बल राज्य के रूप में विकास करने पर जोर दिया। बीपीओ और केपीओ सर्विस की बढ़ोत्तरी, वाईब्रेंड स्टार्टअप विकसित करने, एआई और आईटी सर्विस को बढ़ाने जैसे विषयों को विजन दस्तावेज में प्रमुखता से शामिल करने की बात कही। विजन डाक्युमेंट तैयार करने के संबंध में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, नीति आयोग के सदस्य एस. सुब्रमण्यम, सदस्य सचिव अनुप श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग के सचिव अंकित आनंद, सचिव सुशासन और अभिसरण राहुल भगत ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव बैठक में दिए। बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव पी.दयानंद, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव सामान्य प्रशासन अन्बलगन पी., सचिव कृषि शहला निगार, सचिव तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार डॉ. एस. भारतीदासन, सचिव श्रम अलरमेल मंगई डी., सचिव वित्त मुकेश कुमार, सचिव आवास एवं पर्यावरण आर. संगीता, सचिव परिवहन एस. प्रकाश, सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण बसवराजु एस., सचिव समाज कल्याण भूवनेश यादव, सचिव उच्च शिक्षा प्रसन्ना आर., सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग शम्मी आबिदी, सचिव सहकारिता सी.आर. प्रसन्ना, सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मोहम्मद कैसर अब्दुल हक, सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास नरेन्द्र कुमार दुग्गा, विशेष सचिव स्वास्थ्य चंदन कुमार सहित अन्य विभागों के भारसाधक सचिव शामिल हुए।

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