छत्तीसगढ़राज्य

शराब घोटाला : अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी लाए गए रायपुर, अब दोनों को रिमांड पर लेकर ईडी करेगी पूछताछ

रायपुर ।   नकली होलोग्राम मामले में करीब डेढ़ माह पहले मेरठ ले जाए गए कारोबारी अनवर ढेबरऔर पूर्व अफसर अरुणपति त्रिपाठी को प्रोडक्शन वारंट पर मेरठ जेल से गुरुवार को रायपुर लाया गया है। यह प्रोडक्शन वारंट प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जारी करवाया था। दोनों को रायपुर की विशेष अदालत में दोपहर करीब 1 बजे पेश कर दिया गया। ईडी शराब घोटाले के एक केस में दोनों को पूछताछ के लिए फिर रिमांड पर लेगी। शराब घोटाले में कर्नाटक के केस में चालान पेश नहीं होने के बाद ईडी ने एक और केस रजिस्टर किया था। इसी बीच, अनवर और त्रिपाठी को यूपी एसटीएफ नकली होलोग्राम मामले में गिरफ्तार कर मेरठ ले गई थी। वहां दोनों न्यायिक रिमांड पर जेल में थे। ईडी के आवेदन पर रायपुर की अदालत ने अनवर और अरुणपति को यहां अदालत में पेश करने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया था। दोनों को रायपुर में 8 अगस्त को पेश करना था। इस बीच, चर्चा थी कि इस वारंट के खिलाफ दोनों हाईकोर्ट चले गए थे। इसकी पुष्टि नहीं हुई, लेकिन गुरुवार को दोनों को रायपुर लाकर कोर्ट में पेश कर दिया गया। दोनों रिमांड मिलने पर ईडी की कस्टडी में रहेंगे। ईडी की रिमांड खत्म होने के बाद जब तक यूपी पुलिस रिमांड नहीं लेती, दोनों रायपुर जेल में ही रहेंगे।

अरुणपति ने यूपी STF को बताया था- अब भी बिक रही अवैध शराब

यूपी STF की पूछताछ में अरुणपति त्रिपाठी ने बताया कि, नकली होलोग्राम के साथ अवैध शराब बिक्री का सिलसिला अब भी जारी है। प्रदेश की कई दुकानों में नकली होलोग्राम वाली शराब बिक रही है। अब भी डिस्टलरीज के पास बहुत से नकली होलोग्राम स्टोर करके रखे हैं। जिसका वे समय-समय पर इस्तेमाल करते रहते हैं।

EOW के मुताबिक, 2019-22 तक सरकारी दुकानों से डूप्लीकेट होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची गई। आरोप है कि अनवर ढेबर और उसके सिंडीकेट ने इसके जरिए करोड़ों के राजस्व का नुकसान पहुंचाया। अनवर ढेबर के इस खेत पर ही अरविंद सहित अन्य लोग नोएडा से डूप्लीकेट होलोग्राम मंगाकर स्टोर करते थे। यहीं पर डिस्टलरीज को वितरण, खाली बोतलों की सप्लाई और अवैध शराब की बिक्री से मिले कमीशन को जमा किया जाता था। ED के छापे के बाद डूप्लीकेट होलोग्राम नष्ट किए गए। इसकी जानकारी मिलने पर EOW ने कार्रवाई कर उन्हें जब्त किया। वहीं इस मामले में आरोपी अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह और दीपक दुआरी को गिरफ्तार किया है। ​​​​

निरस्त हुआ था छत्तीसगढ़ डिस्टलरी का लाइसेंस

बस्तर-ओडिशा बॉर्डर पर धनपूंजी, नगरनार में 2 अक्टूबर 2023 को 890 पेटी शराब पकड़ी गई थी। इसमें 42 हजार 720 शराब की बोतलों पर चस्पा होलोग्राम का नंबर एक समान ही था। जांच में पाया गया कि उस होलोग्राम का इस्तेमाल पहले ही मार्च 2022 में किया जा चुका है।

जांच में पाया गया कि होलोग्राम का इस्तेमाल पहले ही मार्च 2022 में वेलकम डिस्टलरीज के द्वारा किया जा चुका था। इसके बाद आबकारी विभाग ने छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड से जवाब तलब किया। सही जवाब नहीं मिलने पर आबकारी विभाग ने छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज का 1 महीने के लिए लाइसेंस निरस्त किया गया था।

नकली होलोग्राम केस के आरोपी इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे

जुलाई 2023 को नकली होलोग्राम मामले में ED के डिप्टी डायरेक्टर ने नोएडा के कासना थाने में FIR दर्ज कराई थी। इस केस की जांच यूपी STF कर रही है। अब उस FIR को अरुण पति त्रिपाठी, निरंजन दास, अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। मामले में सुनवाई 9 जुलाई को होगी।

ढेबर-त्रिपाठी से पूछताछ में सामने आए थे कंपनियों के नाम

यूपी STF की पूछताछ में अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी ने बताया है कि इस घोटाले की सबसे बड़ी बेनिफिशियरी डिस्टलरी कंपनियां (शराब निर्माता कंपनियां) थीं। दोनों आरोपियों ने यह भी बताया कि, नोएडा स्थित विधु की कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड (PHSF) को होलोग्राम बनाने का टेंडर मिला था। उसी से डूप्लीकेट होलोग्राम बनाकर इन तीनों डिस्टलीरज को भेजा जाता था। वहां से अवैध शराब पर इन होलोग्राम को लगाया जाता था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button