बांग्लादेश में बचे केवल 1800 भारतीय छात्र, केंद्र सरकार ने दिया अपडेट…
बांग्लादेश में हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कम से कम 7200 छात्र भारत वापस लौट आए हैं।
शेख हसीना सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के दौरान हिंदुओं पर भी हमले होने लगे। इसके बाद वहां के भारतीय छात्रों में भी दहशत फैल गई और वे सभी स्वदेश लौट आए।
केंद्र सरकार ने राज्यसभा में यह जानकारी दी है। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब यह जानकारी दी।
विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक बांग्लादेश में 19000 भारतीय नागरिक थे जिनमें से 9000 छात्र थे।
दरअसल राज्यसभा में सवाल किया गया था कि बांग्लादेश में कारोबार या शिक्षा के उद्देश्य से कितने भारतीय नागरिक रह रहे हैं। बांग्लादेश में गुजरात के कितने लोग हैं और क्या भारतीयों को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश से निकालने के लिए कोई अभियान शुरू किया गया है?
केद्रीय मंत्री ने बताया कि बांग्लादेश में जम्मू-कश्मीर, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के छात्र हैं।
वहीं बांग्लादेश में भारतीय मिशन ने राज्यवार कोई लिस्ट नहीं तैयार की है। सरकार ने बताया कि ढाका में भारतीय उच्चायोग के अलावा अन्य असिस्टेंट हाई कमिशन के द्वारा भारतीयों को स्वदेश लौटने में सहयोग किया जा रहा है।
भारत-बांग्लादेश सीमा और एयरपोर्ट पर भी उनकी पूरी मदद की जा रही है।
सिंह ने कहा, जो भी भारतीय बांग्लादेश के एयरपोर्ट पर या फिर बॉर्डर पर पहुंचते हैं उनकी पूरी मदद की जाती है। 1 अगस्त तक करीब 7200 भारतीय छात्र बांग्लादेश से वापस लौटे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे मिशन ने राज्यवार सूची नहीं तैयार की है। वहीं एक दूसरे सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हाल के ही सालों में कनाडा जाने वाले लोगों और वहां के विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के ऐडमिशन में वृद्धि हुई है।
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का कार्यभार संभाल लिया है। यूनुस (84) को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने राष्ट्रपति भवन ‘बंगभवन’ में आयोजित एक समारोह में मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई जो प्रधानमंत्री के समकक्ष पद है।
समारोह में राजनीतिक दलों के नेता, न्यायाधीश, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि, तीनों सेनाओं के प्रमुख, पुलिस महानिरीक्षक, वरिष्ठ सैन्य एवं असैन्य अधिकारी, राजनयिक, स्वतंत्रता सेनानी, वरिष्ठ पत्रकार एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। इस दौरान हसीना की पार्टी का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था।
अंतरिम मंत्रिमंडल के 16 अन्य सदस्य मुख्य रूप से नागरिक समाज से जुड़े लोग हैं और इसमें छात्र आंदोलन के दो नेता भी शामिल हैं।
मंत्रिमंडल के सदस्यों का चयन छात्र नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और सेना के बीच हुई चर्चा के बाद किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूनुस को शुभकामनाएं दीं और देश में जल्द ही स्थिति सामान्य होने तथा हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होने की उम्मीद जताई। (भाषा से इनपुट्स के साथ)
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