यह देश किसी के बाप का नहीं; बांग्लादेश में हिंदुओं की हुंकार, नई सरकार को दिया अल्टीमेटम…
शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और 5 अगस्त को देश छोड़कर भाग जाने के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ गए हैं।
इसके खिलाफ सैकड़ों लोगों ने शनिवार को ढाका में विरोध प्रदर्शन किया। देश के विभिन्न हिस्सों से एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि यह देश सभी का है और उन्होंने हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की मांग की।
उन्होंने नारे लगाए, “यह देश किसी के बाप का नहीं है। हमने खून दिया है। अगर जरूरत पड़ी तो हम फिर से खून देंगे। हम बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे।”
उन्होंने हिंदुओं के साथ हिंसा के दौरान मूकदर्शक बने रहने के लिए सिविल सोसाइटी के सदस्यों पर भी अपनी नाराजगी व्यक्त की।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में रैली में भाग लेने वाले कनु कुमार के हवाले से कहा कि हिंदू अपने घरों और धार्मिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा चाहते हैं। प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक मंत्रालय और अल्पसंख्यक सुरक्षा आयोग की मांग की है।
साथ ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने और उन्हें लागू करने की भी मांग की है। उन्होंने संसद में अल्पसंख्यकों के लिए 10% सीटें आरक्षित करने की भी मांग की।
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद ने शुक्रवार को कहा कि शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से देश के 64 जिलों में से 52 में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों के उत्पीड़न की 205 घटनाएं हुई हैं।
इस संगठन ने अंतरिम नेता नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को लिखे एक खुले पत्र में कहा कि देश भर में अल्पसंख्यकों में गहरी आशंका, चिंता और अनिश्चितता है।
हिंदुओं पर हो रहे हमले रोके बांग्लादेश: संयुक्त राष्ट्र
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बनाए जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई है। वैश्विक निकाय ने गुरुवार को कहा कि वह नस्ली आधार पर होने वाले किसी भी तरह के हमले या हिंसा भड़काने के खिलाफ है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा, हम चाहते हैं कि बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर नियंत्रण पाया जाए।
उनसे बांग्लादेश में हुई हत्याओं की जांच का हिस्सा बनने के लिए संयुक्त राष्ट्र से किए गए अनुरोध को लेकर भी सवाल किए गए। इस पर उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र गौर करेगा कि नई सरकार से उसे किस प्रकार का औपचारिक अनुरोध प्राप्त होता है।
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार बनाए जाने पर एंटोनियो गुटारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा, हम उम्मीद बरकरार रखे हुए हैं।
शांति बहाली का कोई भी संकेत एक अच्छी चीज है। जब उनसे पूछा गया कि क्या महासचिव गुटारेस ने यूनुस को बधाई दी है, तो हक ने इससे इनकार किया पर कहा कि बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र की स्थानीय समन्वयक ग्विन लुईस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुई थीं।
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