देश

बीजेपी ने कांग्रेस के हाथ से छीना बड़ा हथियार, चुनाव में दिखेगा यूनीफाइड पेंशन स्कीम का असर?…

सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से चल रही पुरानी पेंशन स्कीम की मांग मोदी सरकार ने यूनीफाइड पेंशन स्कीम लाकर लगभग पूरी कर दी है।

कर्मचारियों की मांग थी कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें हर महीने एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में दी जाए।

केंद्र सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के तहत केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को आखिरी 12 महीने में निकाले गए औसत मूल वेतन के 50 फीसदी के बराबर पेंशन देने का फैसला कर लिया है और यह 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएगा।

बीजेपी को उम्मीद है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में उसे इसका पूरा फायदा मिलेगा।

ओपीएस ना लागू करने को लेकर लंबे समय से केंद्रीय कर्मचारी भी बीजेपी से नाराज चल रहे थे। दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी इसका खासा असर देखने को मिल सकता है।

हाल में हुए विधानसभा चुनावों में पुरानी पेंशन योजना बीजेपी को हराने का एक हथियार बन गई थी। हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस ने सरकार बनने पर ओपीएस लागू करने की घोषणा की थी।

हालांकि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी ओपीएस लागू नहीं की गई। मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने यह दांव खेला लेकिन कामयाब नहीं हो पाई।

लोकसभा चुनाव में ओपीएस बड़ा मुद्दा नहीं बन पाई। हालांकि सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी जाहिर भी थी। निरीक्षकों ने यह बात रखी थी कि आने वाले चुनावों में यह बड़ा मुद्दा हो सकता है।

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद इसका फायदा इन राज्यों में भी बीजेपी को मिल सकता है। वहीं इसी साल महाराष्ट्र और झारखंड में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं।

कैबिनेट के फैसले के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, कांग्रेस ने राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में ओपीएस का वादा किया लेकिन फिर इसे लागू नहीं किया और जनता को ठगने की कोशिश की।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस कर्मचारियों के प्रति हमेशा ही असंवेदनशील रही है। यह राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में देखने को भी मिला।

क्या है यूनीफाइड पेंशन स्कीम

यूनीफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत सरकार ने कर्मचारियों को निश्चित राशि पेंशन के रूप में देने का फैसला किया है। 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को हर महीने आखिरी बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जाएगा।

वहीं 10 साल से कम की सेवा करने वालों को न्यूनतम 10 हजार रुपये के पेंशन दी जाएगी। इसके अलावा 10 से 25 साल के बीच सेवा देने वाले कर्मचारियों को समानुपातिक रूप से पेंशन दी जाएगी।

एनपीएस की तरह कर्मचारियों के पेंशन स्कीम में निवेश करना होगा। हालांकि यह 10 फीसदी ही रहेगा और बाकी 18.5 फीसदी सरकार निवेश करेगी।

अगर कर्मचारी की सेवा के दौरान मौत हो जाती है तो परिवार को सैलरी का 60 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जाएगा। पेंशन पर महंगाई के हिसाब से बढ़ोतरी भी करने का प्रावधान है।

केंद्रीय कर्मचारियों के बाद यह नियम राज्य सरकारें भी लागू कर सकती हैं। इससे फिलहाल केंद्र के 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

The post बीजेपी ने कांग्रेस के हाथ से छीना बड़ा हथियार, चुनाव में दिखेगा यूनीफाइड पेंशन स्कीम का असर?… appeared first on .

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button