नौकरी से हटाए गए बस मार्शलों को लेकर बोले मंत्री सौरभ भारद्वाज
नई दिल्ली । कुछ महीनों पहले दिल्ली की डीटीसी बसों में मार्शल के तौर पर काम करने वाले 10 हजार से ज्यादा लोगों को अचानक ही बेरोजगार कर दिया गया था। उस दिन से लेकर अब तक वे हजारों बस मार्शल दिल्ली सरकार से नौकरी की गुहार लगा रहे हैं। वे सड़कों पर भी उतरे और इस दौरान उनके दर्जन भर से ज्यादा साथी नौकरी की मांग को लेकर दुनिया से चले गए। लेकिन आज तक उनकी इस गंभीर समस्या पर दिल्ली के किसी भी मंत्री, विधायक या फिर सांसद ने ध्यान नहीं दिया। लेकिन अब हजारों मार्शलों को एक उम्मीद की किरण दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज के रूप में नजर आई है। जिन्होंने उनकी हर सम्भव मदद करने का आश्वासन दिया है। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सारे बस मार्शल फिर चाहें वो महिला हो या पुरुष, वे दिल्ली के सभी मंत्री, विधायक और सांसद से मिलें और उन्हें एक तय तारीख पर उपराज्यपाल से मिलने की विनती करें, जहां उनके साथ वे भी मौजूद रहेगें और उपराज्यपाल से उनकी नौकरी के संदर्भ में बातचीत कर उसका समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। मंत्री भारद्वाज ने कहा कि पूर्व मार्शलों को नौकरी पर बहाल करने के लिए उपराज्यपाल जिस भी कागज पर उन्हें दस्तखत करने को कहेंगे वे कर देंगे। उनका कहना है कि अब तक ये सभी बेरोजगार हुए बस मार्शल जिस भी मंत्री, विधायक या सांसद के पास जाते हैं, उन्हें ये कह कर वे टाल देते हैं कि ये काम उनके हाथ मे नहीं है। इसलिए वे चाहते हैं कि सारे विधायक, मंत्री, सांसद एक दिन निश्चित समय पर उपराज्यपाल से मिलें और जो भी सम्बंधित अधिकारी इसके लिए अधिकृत हैं वे हाथ के हाथ संबंधित कागजात पर स्वीकृति के रूप में दस्तखत कर इनकी इस गंभीर समस्या का समधान करें। वहीं, पूर्व बस मार्शल मुकेश पाल सिंह ने कहा कि 10 हजार 798 बस मार्शलों की अचानक ही सेवा समाप्त कर दी गई और तब से वे सड़क पर बेरोजगार घूम रहे हैं। इस दौरान नौकरी पाने की लड़ाई में उनके दर्जन भर से ज्यादा साथी शहीद भी हो गए। वे सभी 10 वर्षों से भी ज्यादा समय से डीटीसी में अपनी सेवाएं दे रहे थे, लेकिन उनकी सेवाओं को समाप्त करने से वे बेरोजगार हो गए हैं और उनके सामने गंभीर आर्थिक स्थिति उत्पन्न हो गई है। 10 हजार से ज्यादा मार्शलों के परिवार आज भखमरी की कगार पर हैं।
इतने वर्षों की सेवा के बाद अब उन्हें कहीं और नौकरी भी नहीं मिल रही है। इसलिए वे दिल्ली के सभी विधायक, मंत्री और सांसद से निवेदन करते हैं कि वे एक निश्चित तारीख पर उपराज्यपाल से मिल कर उनकी इस गंभीर समस्या का हल निकाल कर उन्हें बेरोजगारी की दलदल से निकालने में मदद करें।