छह माह उप्र तो छह माह मप्र को मिलेगी बिजली
भोपाल । प्रदेश के मुरैना जिले में जल्द ही एक दो हजार मेगावॉट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगने जा रहा है। इस प्लांट की खासियत यह है कि इससे उत्पादित बिजली का उपयोग मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश द्वारा संयुक्त रुप से किया जाएगा। इसके लिए दोनों प्रदेशों के बीच एक समझौता जल्द होने वाला है। दोनों राज्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में दो-दो तिमाहियों के आधार पर इससे बिजली खरीदेंगे। जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार और रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) मुरैना में 2000 मेगावाट का सोलर पार्क विकसित करने जा रहे हैं । इसके लिए एशियाई विकास बैंक रियायती दर पर राशि उपलब्ध कराने को तैयार है। रियायती दर पर राशि मिलने से परियोजना की लागत में कमी आने से उससे उत्पादित बिजली की दर भी कम रहने में मदद मिल सकेगी। विभाग के आला अफसरों के मुताबिक हर वित्तीय वर्ष की अलग-अलग तिमाहियों में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश द्वारा बिजली समान रूप से ली जाएगी। इसके तहत अक्टूबर से मार्च तक मध्य प्रदेश मुरैना प्लांट से सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली लेगा, जबकि उत्तर प्रदेश अप्रैल से सितंबर तक बिजली लेगा।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने सैद्धांतिक रूप से आगामी मुरैना पार्क से नवीकरणीय ऊर्जा खरीदने का प्रस्ताव दिया है। सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश द्वारा दिए गए सैद्धांतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा यूपीपीसीएल को मुरैना में आगामी 2000 मेगावाट के सौर पार्क के विकास के लिए एक प्रस्ताव दिया गया था, जिसमें यूपी तिमाही 1 और तिमाही 2 के दौरान सौर ऊर्जा खरीदेगा। जबकि मध्य प्रदेश प्रत्येक वित्तीय वर्ष की तिमाही 3 और तिमाही 4 के दौरान सौर ऊर्जा खरीदेगा। यूपी के प्रस्ताव में कहा गया है कि 2000 मेगावाट के मुरैना सोलर पार्क से उत्तर प्रदेश को बिजली की निकासी के मुद्दे पर विचार किया गया था और मौजूदा वैधानिक ढांचे के तहत, यह प्रस्ताव दिया गया है कि बिजली सप्लाई के लिए उप्र के लिए नई ट्रांसमिशन लाइन के बजाय निकटतम आईएसटीएस सब स्टेशन पर रखी जाए। इसकी वजह है मुरैना सोलर प्लांट की जगह का उत्तर प्रदेश के करीब होना। सस्ती बिजली संभव कोयला और पानी के सहारे संचालित संयंत्रों पर आधारित बिजली उपभोक्ताओं को बहुत महंगी मिलती है। घरेलू उपभोक्ताओं को औसतन प्रति यूनिट आठ रुपए भुगतान करना पड़ रहा है। सौर ऊर्जा की औसत लागत दो से तीन रुपए प्रति यूनिट के आसपास होती है। इससे बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिलने का रास्ता खुल सकता है। होगा प्रदेश का सबसे बड़ा संयत्र वर्तमान में प्रदेश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट रीवा जिले में है, जिससे 750 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। रीवा के इस प्लांट से बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट मुरैना में बनाना प्रस्तवित है। इसके लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है। इस प्लांट से इतनी बिजली बनेगी, जिससे चंबल-ग्वालियर संभाग के अलावा कई अन्य जिलों की जरूरत भी पूरी हो सकेगी।