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बजाज हाउसिंग फाइनेंस में चूक गए? बड़े आईपीओ में अलॉटमेंट बढ़ाने के टिप्स

स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो आपने आईपीओ (IPO) तो सुना ही होगा। कई निवेशक बड़ी कंपनी के आईपीओ का इंतजार करते हैं। शेयर बाजार में ऐसे भी निवेशक हैं जो हर बड़ी कंपनी के आईपीओ में पैसा तो लगाते हैं पर उन्हें शेयर अलॉट नहीं होता है।
अभी बजाज हाउसिंग फाइनेंस का आईपीओ (Bajaj Housing Finance IPO) निवेश के लिए खुला था। 12 सितंबर 2024 (गुरुवार) को कंपनी ने निवेशकों को आईपीओ अलॉट किया है। कई निवेशकों के हाथ में यह आईपीओ नहीं आया। अगर आपने भी आईपीओ में निवेश किया और आपको शेयर अलॉट नहीं हुआ तो हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे। इन टिप्स के जरिये आईपीओ अलॉटमेंट के चांस बढ़ सकता है। टिप्स बताने से पहले आईपीओ के बारे में जान लेते हैं।

क्या होता है आईपीओ (What is IPO)
जब भी कोई कंपनी मार्केट में लिस्ट होती है तो वह उससे पहले अपना आईपीओ जारी करती है। इस आईपीओ में कंपनी बताती कि वह आईपीओ के माध्यम से कितने शेयर्स बेच रही है। आईपीओ में कंपनी लॉट साइज की जानकारी के साथ आईपीओ प्राइस बैंड (IPO Price Band) की भी जानकारी देती है। कंपनी बताती है कि वह जो आईपीओ ला रही है उसमें से किन निवेशकों के लिए कितना आईपीओ रिजर्व किया है।

बता दें कि आईपीओ चार तरह के निवेशक के लिए आरक्षित रखा जाता है। इसमें से संस्थागत निवेशक (QIP), गैर-संस्थागत निवेशक (NII), रिटेल इन्वेस्टर और कंपनी के कर्मचारी शामिल होते हैं। निवेशकों के आरक्षित आईपीओ की जानकारी के साथ आईपीओ के रजिस्ट्रार की भी जानकारी देती है। यह सभी जानकारी कंपनी पहले मार्केट रेगुलेटरी सेबी (SEBI) को ड्राफ्ट पेपर में देती है। जब बाजार नियामक सेबी मंजूरी दे देता है तो उसके बाद कंपनी का आईपीओ ओपन होता है।

आईपीओ तीन दिन के लिए ओपन होता है। आईपीओ जिस दिन बंद होता है उसके कुछ दिन के बाद कंपनी निवेशकों को शेयर अलॉट करती है। आईपीओ अलॉट होने के बाद कंपनी के शेयर मार्केट में लिस्ट होते हैं। बता दें कि यह जरूरी नहीं है कि कंपनी के शेयर दोनों स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट हो।

ये टिप्स करेंगे आपकी मदद

निवेश से पहले आपको कंपनी के बारे में रिसर्च कर लेना चाहिए। आपको यह ध्यान देना चाहिए कि आप जिस कंपनी में निवेश कर रहे हैं उसकी परफॉर्मेंस कैसी है। इसके अलावा आपको कंपनी के मैनेजमेंट, टीम और इंडस्ट्री के बारे में भी जान लेना चाहिए।
आईपीओ में निवेश करना रिस्क भरा होता है। कई बार आईपीओ अलॉट हो जाता है लेकिन शेयर की लिस्टिंग शानदार नहीं होती है। ऐसे में घाटे होने की भी संभावना रहती है। ऐसे में आपको अपने सेविंग या निवेश राशि को एक ही जगह पर नहीं लगाना चाहिए।
आईपीओ में निवेश से पहले आपको जरूर ध्यान रखना चाहिए कि आपका यूपीआई आईडी (UPI ID) बैंक अकाउंट (Bank Account) से लिंक हो। अगर ऐसा नहीं होता है तो निवेश के समय दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपके अकाउंट में आईपीओ में निवेश जितनी राशि होनी चाहिए।
आपको कभी भी अलग ब्रोकिंग ऐप (Broking App) के जरिये एक डीमैट अकाउंट (Demat Account) से आईपीओ में निवेश के लिए आवेदन नहीं करना चाहिए।
आपको अप्रूव कर लेना चाहिए कि आपके यूपीआई एप्लीकेशन पर आईपीओ में निवेश की पेमेंट आई है।
कभी भी आखिरी मिनट में निवेश न करें। हमेशा कोशिश करें कि आप दूसरे दिन तक आईपीओ में निवेश करें। ऐसे में आईपीओ अलॉट होने का चांस बढ़ सकता है।
हमेशा आपको कट-ऑफ प्राइस पर निवेश करना चाहिए। दरअसल, कई बार उन निवेशक को आईपीओ मिलने के चांस ज्यादा हो जाते हैं जो सबसे ज्यादा बोली लगाते हैं।
आप किस कैटेगरी में निवेश कर रहे हैं इसका ध्यान रखें। कभी भी आपको जल्दबाजी में कैटेगरी सेलेक्ट नहीं करना चाहिए।
आपको कोशिश करनी चाहिए कि आपके पासे आईपीओ ओपन करने वाली पेरेंट कंपनी का शेयर है तो अलॉटमेंट का चांस बढ़ जाता है।

 

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