मध्यप्रदेशराज्य

अनुराग जैन मध्य प्रदेश के नए मुख्य सचिव, PM मोदी के लिए किया था काम, अब यादव की छवि चमकाएंगे

भोपाल ।   मध्य प्रदेश में मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर पिछले एक माह से चल रहीं अटकलों पर सोमवार को विराम लग गया। सरकार ने मुख्य सचिव वीर राणा के सेवानिवृत होने पर 12 साल बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ मध्य प्रदेश के मूल निवासी अनुराग जैन को प्रदेश का 35वां मुख्य सचिव नियुक्त किया है। इसके पहले प्रदेश के ही आर. परशुराम (मई 2012) को मुख्य सचिव बनाया था। वह प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव रह चुके हैं और वर्तमान में सचिव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय हैं। अनुराग जैन को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पसंद माना जा रहा है। प्रदेश में नए मुख्य सचिव को लेकर 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा और अपर मुख्य सचिव गृह एसएन मिश्रा के नाम चर्चा में थे। अनुराग जैन को विधानसभा चुनाव के पहले भी प्रदेश का मुख्य सचिव बनाए जाने की चर्चाएं थीं, लेकिन तब भारत सरकार से उन्हें वापस मध्य प्रदेश लौटने की अनुमति नहीं मिली थी। उस दौरान प्रदेश की वरिष्ठ अधिकारी वीर राणा को फिर प्रभारी मुख्य सचिव और पूर्णकालिक मुख्य सचिव बनाया गया था। लोकसभा चुनाव को देखते हुए मोहन यादव सरकार ने उन्हें छह माह की सेवावृद्धि दिलाई, जिसकी अवधि 30 सितंबर 2024 को पूरी हो गई। चूंकि, जैन भारत सरकार में महत्वपूर्ण सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव का काम देख रहे थे, इसलिए यह माना जा रहा था कि डॉ राजौरा को अवसर दिया जा सकता है।

पीएमओ से दोनों के नाम पर सहमति

पिछले दिनों दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से अनुराग जैन ने मुलाकात की थी। उसके बाद उनका नाम प्रदेश के मुख्य सचिव पद के लिए प्रमुखता से सामने आया। प्रदेश से अनुराग जैन और डॉ राजेश राजौरा के नाम आगे बढ़ाए गए। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से दोनों नामों पर सहमति थी।

मुख्यमंत्री ने जब अंतिम निर्णय के लिए भारत सरकार में अलग-अलग स्तर पर चर्चा की, तो यह बात आई कि डॉ राजौरा के पास मुख्य सचिव बनने के लिए अभी पर्याप्त समय है। उसके बाद अनुराग जैन का नाम निर्धारित कर दिया गया। डॉ राजौरा मई 2027 तो अनुराग जैन अगस्त 2025 में सेवानिवृत्त होंगे।

सेवाएं वापस मांगी

अनुराग जैन को मुख्य सचिव बनाए जाने संबंधी स्पष्ट संदेश के बाद सोमवार को दोपहर में राज्य सरकार ने भारत सरकार से उनकी सेवाएं वापस मांग लीं। सामान्य प्रशासन विभाग ने केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को पत्र भेजने के साथ अधिकारियों से अनुरोध किया कि सोमवार को ही उन्हें कार्यमुक्त कर दिया जाए, जिससे वह कार्यभार ग्रहण कर सकें।

लोक सेवा गारंटी कानून लागू करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका

अनुराग जैन की छवि ईमानदार के साथ सुशासन के लिए काम करने वाले अधिकारी की है। प्रदेश में रहते उन्होंने लोक सेवा गारंटी कानून लागू करवाया। इसका प्रारूप उन्होंने ही तैयार किया था। वह मंडला, मंदसौर और भोपाल में कलेक्टर रहे। वह 2005 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिव थे। 2011 से 2015 तक प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव पद का दायित्व संभाला। विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में वापसी हुई और वित्त विभाग की जिम्मेदारी संभाली। कमल नाथ सरकार में वह फिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे, तब से वहीं पदस्थ थे। उन्हें अप्रैल 2023 में पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के लिए एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में पीएम अवार्ड भी मिल चुका है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button