विदेश

 बाप रे बाप…….इतना पैसा खर्च होने के बाद धरती पर लौटेगी सुनीता विलियम्स 

वॉशिंगटन । अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुश विल्मोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से सुरक्षित धरती पर लाने के लिए क्रू-9 मिशन लांच किया है। मिशन के तहत एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट भेजा गया है। इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के साथ नासा के एस्ट्रोनॉट निक हेग और रूसी एस्ट्रोनॉट एलेक्जेंडर गोरबुनोव भी शामिल हैं। इस मिशन में कुल चार सीटें हैं, जिनमें से दो सीटें सुनीता विलियम्स और बुश विल्मोर के लिए खाली छोड़ी गई हैं।
फाल्कन 9 रॉकेट, इस स्पेसएक्स ने डिजाइन किया है, दुनिया का पहला पुन: उपयोग योग्य ऑर्बिट क्लास रॉकेट है, जो अंतरिक्ष यात्रा को किफायती बनाता है। यह 70 मीटर लंबा और 549,054 किलो वजनी रॉकेट, पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में 22,800 किलो तक वजन ले जा सकता है। वहीं, ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट, जो एस्ट्रोनॉट्स को आईएसएस तक लाने और ले जाने के लिए जाना जाता है, दुनिया का पहला प्राइवेट स्पेसक्राफ्ट है जो कार्गो भी वापस ला सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2022 से पहले फाल्कन 9 रॉकेट की लॉन्चिंग में करीब 62 मिलियन डॉलर का खर्च आता था। हालांकि मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने साल 2022 में यह रकम बढ़ाकर 67 मिलियन डॉलर कर दिया। रुपये में रकम करीब पौने छह अरब के आसपास बैठती है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर एस्ट्रोनॉट फाल्कन 9 के जरिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाना या वापस आना चाहता है, तब उसको पूरे रॉकेट का खर्च उठाना पड़ता है। सीट के हिसाब से भी बुकिंग की सुविधा है। रिपोर्ट के मुकाबिक स्पेस एक्स और रॉकेट लैब जैसी प्राइवेट कंपनियों के चलते अंतरिक्ष में आना-जाना पहले के मुकाबला बहुत सस्ता हो गया है। उदाहरण के तौर पर अमेरिका ने जब 16 जुलाई 1969 को अपोलो 11 मिशन लॉन्च किया था, तब इस पर कुल 185 मिलियन डॉलर खर्च हुए थे। आज के हिसाब से यह रकम 1.62 बिलियन डॉलर के आसपास बैठती है।उस जमाने के रॉकेट आज के मुकाबले बहुत कम पेलोड ले जाने में सक्षम थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button