मध्यप्रदेशराज्य

डिजिटल अरेस्ट होने से बाल-बाल बच गए नेता जी, 16 मिनट तक बात करते-करते पहुंच गए थाने

सतना ।    मध्यप्रदेश में साइबर क्राइम थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य में लगातार डिजिटल गिरफ्तारी की घटनाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में डिजिटल गिरफ्तारी का एक मामला सतना जिले से सामने आया है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस बार जालसाजों ने एक कांग्रेस नेता को डिजिटली गिरफ्तार करने का प्रयास किया है, लेकिन कोशिश नाकाम साबित हुई है। दरअसल, मामला एमपी के सतना जिले का है। जहां जालसाजों द्वारा उपभोक्ता सरंक्षण प्रकोष्ठ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शशांक सिंह बघेल को 87050273208 नंबर से कॉल आया। वॉइस काल में कहा गया कि उनके मोबाइल नंबर से आपराधिक गतिविधियां हुई हैं। इसे बंद कर दिया जाएगा। साथ ही उन्हें तीन साल की सजा का भी डर दिखाया गया। अगर आपको इनसे बचना है तो व्हाट्सएप में मैसेज करिए। ठग ने उनके नंबर के बारे में जानकारी दी और दूसरा नंबर भी मांगा।

जालसाजों ने खुद को बताया महाराष्ट्र पुलिस का अधिकारी

वहीं, जालसाजों ने अपने आप को महाराष्ट्र का पुलिस अधिकारी बताया था। आरोपियों ने जिला अध्यक्ष शशांक सिंह को ठगने की कोशिश की थी। जालसाजों ने कांग्रेस नेता को कहा कि आपके नाम से सिम है, जिसका नम्बर 7738045948 है। इस नम्बर से अपराध हुआ है और आपके नाम एफआईआर दर्ज हुई है। 

'नंबर से फ्रॉड हुआ है, आप गिरफ्तार हो जाएंगे'

वहीं, इतना ही नही ठगों ने नेता जी को कहा आपको आपको एक नंबर देते हैं, जिसका मोबाइल नम्बर 9127371486 है। जालसाजों ने नेता जी को कहा, इस नम्बर में आप वीडियो कॉल करके कन्फर्म कर लीजिए। शशांक ने 9127371486 नंबर पर व्हाट्सएप मैसेज किया और फिर जालसाजों के कहे मुताबिक वीडियो कॉल की गई। इसमें एक व्यक्ति सब इंस्पेक्टर की वर्दी में थाने में बैठा दिखाया गया।हूबहू पुलिस वाले कि तरह ही दिख रहा था। ठग ने कहा कि उनके नंबर से मुंबई के विजयनगर क्षेत्र में फ्रॉड हुआ है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

बात करते करते थाने पहुंच गए नेता जी

वहीं, शशांक ने जालसाजों से करीब 16 मिनट तक बात की और धीरे-धीरे कोलगवां थाने पहुंच गया। जब उसने जालसाज से पुलिस की बात कराई तो जालसाजों ने फोन काट दिया। शशांक ने बताया कि जालसाजों ने जो मोबाइल नंबर दिया था, वह उसका नहीं है और न ही वह कभी मुंबई गया है। इसलिए उसका शक गहरा गया और जालसाजों के जाल में फंसने से बचने के लिए उसने पुलिस की मदद ली।

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