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एमवीए गठबंधन चुनाव में हार से न हो निराश, जनता के बीच जाएं

कोल्हापुर। एनसीपी (शरद गुट) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद अपने सहयोगी नेताओं की हौंसला अफजाई की है। शरद पवार ने कहा कि विपक्ष को अपनी हार पर निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि उन लोगों के पास जाना चाहिए जो महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की भारी जीत से उत्साहित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष की प्राथमिकता तय करना होगी कि सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा किए गए सभी चुनावी वादों को जल्द से जल्द लागू किया जाए, जिसमें लाडकी बहिण योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता 1500 रुपए से बढ़ाकर 2100 रुपए करना शामिल है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त मतों और जीती गई सीटों के बीच तुलना आश्चर्यजनक है।
पवार ने कहा कि यह सच है कि हम हार गए हैं। हमें इस पर चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि लोगों के पास जाना चाहिए, क्योंकि चुनाव परिणामों को लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं दिख रहा है। उनमें नाराजगी नजर आ रही है। बता दें कि सत्तारूढ़ बीजेपी-राकांपा-शिवसेना गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में 288 में से 230 सीटें जीतीं हैं। शरद पवार ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष की ताकत कम है, लेकिन कई युवा विपक्षी विधायक एक-दो सत्रों के बाद अपनी क्षमता दिखाएंगे।
पवार ने आगे कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा डाले गए वोटों और जीती गई सीटों के बीच तुलना आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 80 लाख वोट हासिल किए और 15 सीटें जीतीं, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 79 लाख वोट हासिल कर 57 सीटों पर विजयी हुई। शरद पवार ने कहा कि अजित पवार की एनसीपी ने 58 लाख वोट हासिल किए और 41 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी (एसपी) ने 72 लाख वोट प्राप्त कर केवल दस सीटें जीतीं हैं।
वहीं, महाराष्ट्र में नई सरकार के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वरिष्ठ नेता होने के नाते शरद पवार को देश को गुमराह नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आप हार स्वीकार करते हैं तो आप इससे बाहर निकल आएंगे। मैं आपसे अपने सहयोगियों को आत्मनिरीक्षण की सलाह देने की उम्मीद करता हूं। फडणवीस ने कहा कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में 1,49,13,914 वोट हासिल किए हैं और नौ सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 96,41,856 वोट हासिल कर 13 सीटें जीतीं थीं। एमवीए गठबंधन चुनाव में हार से न हो निराश, जनता के बीच जाएं
-वरिष्ठ नेता शरद पवार ने अपने सहयोगियों का बढ़ाया हौंसला
कोल्हापुर,(ईएमएस)। एनसीपी (शरद गुट) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद अपने सहयोगी नेताओं की हौंसला अफजाई की है। शरद पवार ने कहा कि विपक्ष को अपनी हार पर निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि उन लोगों के पास जाना चाहिए जो महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की भारी जीत से उत्साहित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष की प्राथमिकता तय करना होगी कि सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा किए गए सभी चुनावी वादों को जल्द से जल्द लागू किया जाए, जिसमें लाडकी बहिण योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली वित्तीय सहायता 1500 रुपए से बढ़ाकर 2100 रुपए करना शामिल है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त मतों और जीती गई सीटों के बीच तुलना आश्चर्यजनक है।
पवार ने कहा कि यह सच है कि हम हार गए हैं। हमें इस पर चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि लोगों के पास जाना चाहिए, क्योंकि चुनाव परिणामों को लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं दिख रहा है। उनमें नाराजगी नजर आ रही है। बता दें कि सत्तारूढ़ बीजेपी-राकांपा-शिवसेना गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में 288 में से 230 सीटें जीतीं हैं। शरद पवार ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष की ताकत कम है, लेकिन कई युवा विपक्षी विधायक एक-दो सत्रों के बाद अपनी क्षमता दिखाएंगे।
पवार ने आगे कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा डाले गए वोटों और जीती गई सीटों के बीच तुलना आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 80 लाख वोट हासिल किए और 15 सीटें जीतीं, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 79 लाख वोट हासिल कर 57 सीटों पर विजयी हुई। शरद पवार ने कहा कि अजित पवार की एनसीपी ने 58 लाख वोट हासिल किए और 41 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी (एसपी) ने 72 लाख वोट प्राप्त कर केवल दस सीटें जीतीं हैं।
वहीं, महाराष्ट्र में नई सरकार के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वरिष्ठ नेता होने के नाते शरद पवार को देश को गुमराह नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आप हार स्वीकार करते हैं तो आप इससे बाहर निकल आएंगे। मैं आपसे अपने सहयोगियों को आत्मनिरीक्षण की सलाह देने की उम्मीद करता हूं। फडणवीस ने कहा कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में 1,49,13,914 वोट हासिल किए हैं और नौ सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 96,41,856 वोट हासिल कर 13 सीटें जीतीं थीं।

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