मध्यप्रदेशराज्य

मप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से…

कांग्रेस का विधानसभा घेराव का मेगा प्लान…भोपाल में 50 हजार कार्यकर्ताओं के जुटने का दावा
खाद की कमी, अडाणी पावर, भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस

भोपाल । मप्र की सोलहवीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह के अनुसार, 16 दिसंबर से 20 दिसंबर तक चलने वाले इस शीतकालीन सत्र में कुल पांच बैठकें आयोजित की जाएंगी। शीतकालीन सत्र में कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। खाद की कमी, अडानी पावर द्वारा आदिवासी भूमि अधिग्रहण और निवेश सम्मेलनों पर सवाल उठाए जाएंगे। साथ ही बिजली बोर्ड में भ्रष्टाचार और भाजपा के अधूरे चुनावी वादों पर भी कांग्रेस सरकार को निशाने पर लेगी।
सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस विधानसभा घेराव करने जा रही है। इसमें कांग्रेस के सभी विधायकों के साथ दिग्गज नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। दावा है कि विधानसभा घेराव में प्रदेश भर से करीब 50 हजार कार्यकर्ता शामिल रहेंगे। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि पार्टी के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता तैयारियों में लगे हैं। सभी विधायकों और पूर्व विधायकों से संपर्क कर रहे हैं। हजारों की संख्या में कई जिलों से गाडिय़ां आ रही हैं। यह पार्टी का बड़ा आंदोलन है। इसमें सभी नेताओं की ताकत लगी है। जनता की आवाज को हजारों कार्यकर्ता भोपाल तक लेकर आ रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष सिंघार के भोपाल आवास पर हुई बैठक में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, अरुण यादव, कमलेश्वर पटेल, सचिन यादव, प्रवीण पाठक और आरिफ मसूद सहित कई नेता मौजूद रहे। मप्र की सोलहवीं विधानसभा का यह चतुर्थ सत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों पर आर्थिक, सामाजिक और कानून से जुड़े विषयों पर चर्चा होने की संभावना है।  कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से सत्र की समयसीमा बढ़ाने की मांग की है। कांग्रेस सत्र में सरकार को बिगड़ती कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, खाद- बीज का संकट, रोजगार को लेकर घेरने की तैयारी की है। वहीं, सरकार ने भी कांग्रेस के आरोपों को लेकर जवाब देने की पूरी तैयारी कर रखी है।

17 दिसंबर को पेश होगा सप्लीमेंट्री बजट
मोहन कैबिनेट ने हाल ही में हुई बैठक में सप्लीमेंट्री बजट को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद वित्तमंत्री और राज्य के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा अनुपूरक बजट पेश करेंगे। इस बार का सप्लीमेंट्री बजट 20 हजार करोड रुपए से ज्यादा होगा। 3 महीने के लिए योजनाओं को गति देने के लिए सरकार शीतकालीन सत्र में बजट पेश करेगी, जबकि साल 2025-26 में पूर्ण बजट पेश करने के लिए वित्त विभाग ने 15 जनवरी तक सभी विभागों से सुझाव मांगे हैं। शीतकालीन सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा सदन में कई मुद्दों पर कांग्रेस और भाजपा में तीखी बहस देखने को मिल सकती है।

तीन नव निर्वाचित विधायक लेंगे पहले दिन शपथ
विधानसभा सत्र के पहले दिन तीन नव निर्वाचित विधायक शपथ लेंगे। इसमें अमरवाड़ा से विधायक कमलेश शाह, बुधनी से विधायक रमाकांत भार्गव और विजयपुर से विधायक मुकेश मल्होत्रा को शपथ दिलाई जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सत्र में सारगर्भित चर्चा करने और पूरे जनहित के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए पूरे समय सत्र चलने देने की अपील की है।

ये मुद्दे रहेंगे हावी
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी में है। वह खाद की कमी और अडानी पावर द्वारा आदिवासी भूमि को कम दरों पर अधिग्रहित करने को लेकर भाजपा की मोहन सरकार पर निशाना साधेगी। विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने किसानों के मुद्दों और खाद संकट पर मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक की। कांग्रेस ने क्षेत्रीय निवेशकों के सम्मेलन और फरवरी में होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के लिए नोटिस भी प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संभाग स्तरीय सम्मेलनों की शुरुआत की जो उज्जैन, ग्वालियर, सागर, रीवा, जबलपुर और नर्मदापुरम में आयोजित किए गए हैं।  कांग्रेस के विधायक भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में अधूरे वादों पर भी सरकार को घेरने की मंशा रखते हैं। इनमें लाडली बहना योजना के तहत 3000 रुपये का भुगतान और गेहूं के लिए 2700 रुपये प्रति क्विंटल तथा धान के लिए 3100 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करना शामिल है।

सीएम के विदेश दौरे पर हो सकते हैं सवाल
विपक्ष द्वारा निवेश आकर्षित करने के लिए सीएम की हाल की यूके और जर्मनी यात्राओं पर सरकार से सवाल पूछे जाने की उम्मीद है। कांग्रेस इस दावे की जांच करने की योजना बना रही है कि इन सम्मेलनों के दौरान 4 लाख करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया गया था। विपक्ष के नेता सिंघार ने राज्य बिजली बोर्ड की आउटसोर्स एजेंसियों के साथ भागीदारी की आलोचना की और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

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