छत्तीसगढ़: हाई और हायर सेकेंडरी कक्षाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी है। अब किताबों की वजह से पढ़ाई पर आर्थिक बोझ नहीं बढ़ेगा। आने वाले नए शैक्षणिक सत्र से 9वीं से 12वीं तक की सभी किताबें सस्ती हो रही हैं। इन किताबों की कीमतों में 20 फीसदी की गिरावट आएगी। इसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली गई है। आइए जाने कि पूरा मामला क्या है…
एनसीईआरटी का फैसला
एनसीईआरटी ने अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं तक की किताबों की कीमतों में 20 फीसदी की कमी की है। पाठ्यपुस्तकों की घटी हुई नई कीमतें अगले शैक्षणिक वर्ष से लागू होंगी।
इसकी घोषणा करते हुए एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि पहली बार किताबों की कीमतों में भारी कमी की गई है। इस साल एनसीईआरटी ने कागज की खरीद में काफी दक्षता लाई है और नवीनतम प्रिंटिंग मशीनों के साथ प्रिंटर भी शामिल किए हैं।
जिससे कम समय में ज्यादा किताबें छापी जा सकेंगी। इसका सीधा लाभ देश के विद्यार्थियों को मिलेगा, खासकर उन विद्यार्थियों को जो अगले सत्र से कक्षा 9-12 में जा रहे हैं।
ऑनलाइन भी मिलेंगी किताबें
कक्षा 1-8 की पाठ्यपुस्तकें 65 रुपये प्रति कॉपी पर खुदरा बिक्री जारी रहेंगी। इस कार्यक्रम के दौरान एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों की पहुंच बढ़ाने के लिए एनसीईआरटी और फ्लिपकार्ट के साथ-साथ अमेजन के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। बता दें कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद हर साल करीब 300 विषयों में करीब 4 से 5 करोड़ पाठ्यपुस्तकें छापती है।
बड़ा सवाल: निजी स्कूलों को किताबें इस्तेमाल करनी चाहिए
अभिभावक महासंघ ने स्कूलों में इस्तेमाल होने वाली किताबों को लेकर सवाल उठाए हैं। अभिभावक महासंघ के महासचिव प्रबोध पांडे ने कहा कि एनसीईआरटी ने अपनी किताबें सस्ती करने का फैसला किया है, जो स्वागत योग्य है। लेकिन सवाल यह है कि निजी स्कूल एनसीईआरटी की किताबें कहां इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में आप किताबों पर 20% की छूट दें या कीमत 50% कम करें, छात्रों और अभिभावकों को इसका फायदा तभी मिलेगा जब निजी स्कूल इन किताबों का इस्तेमाल करेंगे।
कमीशन के चक्कर में निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें ही इस्तेमाल की जाती हैं।