देश

गर्भाशय और स्तन कैंसर की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की बड़ी पहल, 8.8 करोड़ जांच

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 8.8 करोड़ से अधिक महिलाओं की गर्भाशय कैंसर की जांच की गई। इसमें करीब 98,000 में इस बीमारी का पता चला। इसी कार्यक्रम के तहत 14 करोड़ से अधिक महिलाओं में स्तन कैंसर की जांच की गई। इनमें से करीब 56,000 स्तन कैंसर के मामले सामने आए।

इसके अलावा, 32.52 करोड़ लोगों की उच्च रक्तचाप और 32.36 करोड़ लोगों की मधुमेह की जांच की गई। वहीं स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में कहा कि देश में पेट के एसिड को कम करने वाली दवा रेनिटिडिन के निर्माण, वितरण और बिक्री पर रोक लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि रैनिटिडिन के नमूनों की जांच कर उचित उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत कुल 16.9 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया गया है और वित्त वर्ष 2014-15 से नवंबर 2024 तक 10.97 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया है। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने लोकसभा में कहा कि जिन शीर्ष 15 क्षेत्रों के तहत प्रशिक्षण दिया गया, उनमें कपड़ा, खुदरा, इलेक्ट्रानिक्स, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा शामिल हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत इस साल 13 दिसंबर तक 2.68 करोड़ घर बनकर तैयार हो चुके हैं, जिनमें से 72.66 लाख घर पूरी तरह से महिलाओं के नाम पर हैं। 1.22 करोड़ घर पति-पत्नी के संयुक्त नाम पर हैं। यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने लोकसभा में दी।

'एक देश, एक चुनाव' की अवधारणा को मूर्त रूप देने की पहली कड़ी में केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच इससे संबंधित संविधान (129वां) संशोधन विधेयक और इससे जुड़े एक अन्य विधेयक को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया। विधेयकों को पहली ही सीढ़ी पर तगड़े विरोध का सामना करना पड़ा और विपक्ष ने मतविभाजन कराकर अपने इरादे साफ कर दिए।

विपक्ष के 198 मतों के मुकाबले 269 सदस्यों के समर्थन से सरकार ने विधेयक पेश कर दिए। मगर संविधान संशोधन के लिए दो तिहाई बहुमत जुटाने की चुनौती और विपक्ष की मांग के मद्देनजर संविधान संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में भेजने पर हामी भर दी। विपक्ष ने सरकार के कदम को तानाशाही बताते हुए इसे संघीय ढांचे पर प्रहार करार दिया।

Related Articles

Back to top button