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पूर्णिया में एनकाउंटर में डकैत सुशील मोची ढेर, 10 मिनट तक हुई गोलीबारी

पूर्णिया: बिहार की पूर्णिया पुलिस और STF ने डकैत सुशील मोची को एनकाउंटर में मार गिराया है. सुशील मोची पूर्णिया, कटिहार सहित बंगाल में कई डकैती की घटनाओं को अंजाम दे चुका है. यह एनकाउंटर अमौर थाना क्षेत्र के ताराबाड़ी घाट के समीप देर रात हुआ है. पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि सुशील किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है. इसके बाद STF की टीम और अनगढ़,अमौर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और सुशील को सरेंडर करने के लिए बोला, लेकिन उसने पुलिस टीम को निशाना बनाकर फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस टीम को देखते ही डकैत सुशील गोली चलाना शुरू कर दिया. वहीं पुलिस की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई. लगभग 10 मिनट तक दोनों तरफ से गोली चलती रही, फिर अचानक गोली चलनी बंद हो गई. इसके बाद पुलिस ने मक्के के खेत मे सर्च अभियान चलाया, जहां एक शव बरामद हुआ. शव की पहचान डकैत सुशील मोची पिता रामेश्वर राम साकिन के रूप में हुई है.

1.50 लाख का इनामी डकैत 

सुशील पर बिहार पुलिस ने 1.50 लाख का इनाम घोषित कर रखा था. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पूर्णिया एसपी कार्तिकेय शर्मा, डीआईजी प्रमोद कुमार मण्डल पहुंचकर घटना की जानकारी ली. वहीं पूर्णिया से एफएसएल की टीम मौके पर पहुंच सारे सबूत को इकट्ठा की. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए पूर्णिया भेज दिया है.

20 डकैतों के गिरोह का सरदार था सुशील मोची

सुशील मोची के गिरोह का नेटवर्क पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के अपराधी गिरोह से भी जुड़ा हुआ है. पूर्णिया सहित सीमांचल के कटिहार, अररिया और किशनगंज जिले में करीब 100 से ज्यादा घटनाओं को अंजाम से चुका है. हालांकि, पुलिस थाने में 28 मामले ही दर्ज हैं. इसके गिरोह में ज्यादातर बंगाल के अपराधी शामिल हैं. सुशील मोची के गिरोह में लगभग 20 डकैत शामिल थे. इनमें अधिकतर डकैत बंगाल के हैं.

बम बनाने में एक्सपर्ट था

सुशील मोची बम बनाने में भी एक्सपर्ट था. डकैती की घटना को अंजाम देते वक्त जरूरत पड़ने पर मौके पर ही मिनटों में बम बना लेता था. बताया जाता है कि सुशील मोची किसी भी घटना को अंजाम देने के लिए खाली हाथ जाता था, ताकि रास्ते मे कही पकड़ा न जाए. मगर जहां उसे डकैती की घटना को अंजाम देना होता था, वहां पहले से ही भिखारी के रूप में उसके गिरोह के लोग रहते थे जो डकैतों के पहुंचने पर हथियार दे देते थे. मृतक कटिहार जेल में बंद था. हाल ही में जेल से छुटा था और आपराधिक घटना को अंजाम देना शुरू कर दिया था. एक साल पूर्व पूर्णिया पुलिस ने भी इसकी पत्नी को लूट के सामान के साथ गिरफ्तार किया था.

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