राज्य

शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए 15 दिसंबर तक 1.75 लाख आवेदन, जनवरी में होगा ट्रांसफर

पटना। विशेष समस्या के कारण स्थानातंरण के लिए इच्छुक एक लाख 75 हजार शिक्षकों ने रविवार तक ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर आवेदन किया। शिक्षकों द्वारा स्थानातंरण के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर थी। स्थानातंरण के इच्छुक शिक्षकों में घर से दूरी, पति-पत्नी की पदस्थापन का आधार सहित कई कारण शामिल हैं। स्थानातंरण के इच्छुक शिक्षकों के लिए ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर 10 विकल्प दिए गए थे।

सबसे ज्यादा घर से दूरी वाले शिक्षकों ने किया आवेदन
स्थानातंरण के इच्छुक शिक्षकों में सर्वाधिक 50,293 ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने घर से दूरी होने के कारण स्थानातंरण के लिए आवेदन किया है।
5,500 शिक्षकों ने पति या पत्नी के पदस्थापन को आधार बनाकर आवेदन दिया है, ताकि दंपती शिक्षकों का पदस्थापन समीप में हो सके।

जनवरी में होगा शिक्षकों का पदस्थापन
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार पहले ही कह चुके हैं कि विशेष समस्या के कारण स्थानातंरण के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों का जनवरी में पदस्थापन किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने सात कारणो को लेकर शिक्षकों से आवेदन की मांग की थी और दस विकल्प भी उनसे मांगे थे। इन कारणों में असाध्य रोग, गंभीर बीमारी, दिव्यांगता, विधवा एवं परित्यक्ता, पति-पत्नी का पदस्थापन और लंबी दूरी के आधार पर आवेदन मांगा था।

शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को दिए निर्देश
राज्य के विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का वेतन सत्यापन कराना होगा। जिन शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन सत्यापन हो चुका है, उन्हें इससे छूट रहेगी। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों से जिन शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन सत्यापन नहीं हुआ है, उनके बारे में कुलसचिवों से जानकारी मांगी है। शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों और कर्मचारियों ने वेतन सत्यापित नहीं कराया है, उन्हें वेतन सत्यापन कोषांग से वेतन सत्यापित करा लें।

इसके लिए आवेदन आवश्यक अभिलेखों के साथ जमा करें। अन्यथा उनके वेतन भुगतान पर जनवरी में रोक लगायी जाएगी। साथ ही विश्वविद्यालयों से यह जानकारी मांगी गई कि अभी तक कितने शिक्षकों और कर्मचारियों ने वेतन सत्यापन कराया है, इसका सूचीवार ब्योरा उपलब्ध कराएं। शिक्षा विभाग ने अपने पूर्व के दिशा-निर्देश का स्मरण कराते हुए कुलसचिवों से कहा है कि राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन सत्यापन के लिए शिक्षा विभाग के अधीन राज्य स्तर पर वेतन सत्यापन कोषांग है। विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के नये वेतनमान में किये जाने वाले वेतन निर्धारण पर वेतन सत्यापन कोषांग की सहमति जरूरी है।

कुलसचिवों को कार्रवाई के निर्देश
इसके लिए वेतन सत्यापन कोषांग में वैसे शिक्षक और कर्मचारी आवेदन करें जिन्होंने अभी तक वेतन सत्यापन नहीं कराया है। शिक्षा विभाग के मुताबिक राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में ऐसे शिक्षकों की संख्या मांगी गई जिन शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों का छठा एवं सातवां दोनों वेतनमान में वेतन निर्धारण का सत्यापन नहीं हुआ है।

जिन शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन निर्धारण पर वेतन सत्यापन कोषांग द्वारा आपत्ति जतायी गयी है, उन आपत्तियों का निराकरण विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा। इससे पहले भी कुलसचिवों की बैठक में वेतन सत्यापन कोषांग द्वारा कहा गया कि गैर शिक्षकों के मामले में वेतन निर्धारण में ज्यादा परेशानी होती है। वेतन सत्यापन के लिए विश्वविद्यालय से विहित प्रपत्र में आवेदन प्राप्त नहीं होते हैं। उस पर संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर भी नहीं होते।

Related Articles

Back to top button